भारतीय रुपया सात साल में सबसे लंबी गिरावट का सामना कर रहा है। RBI डेटा के अनुसार, अक्टूबर में रियल इफेक्टिव एक्सचेंज रेट (REER) गिरकर 97.47 पर आ गया। घरेलू मुद्रास्फीति कम होने और स्पॉट करेंसी के कमजोर होने से यह लगातार गिरावट भारत की निर्यात प्रतिस्पर्धा के लिए अनुकूल है। अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि साल के अंत में मुद्रास्फीति बढ़ने पर यह रुझान उलट सकता है। हाल ही में रुपये में डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड गिरावट भी देखी गई है।