इंडियन पेपर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (IPMA) ने चेतावनी दी है कि वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में आसियान देशों से कागज और पेपरबोर्ड आयात में 14% की वृद्धि से घरेलू पेपर उद्योग को गंभीर नुकसान हो सकता है। इंडोनेशिया और चीन जैसे देशों के व्यापार समझौतों और सब्सिडी से प्रेरित यह वृद्धि, भारत के पेपर क्षेत्र को आधुनिक बनाने के लिए किए गए ₹30,000 करोड़ से अधिक के निवेश को खतरे में डाल रही है।