भारत-रूस व्यापार असंतुलन का बड़ा झटका: गोयल ने निर्यात बढ़ाने के लिए तत्काल बदलाव की मांग की!
Overview
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने रूस के साथ एक बड़े व्यापार घाटे को उजागर किया है, जहाँ भारत तेल के कारण लगभग 64 बिलियन डॉलर का आयात करता है लेकिन 5 बिलियन डॉलर से कम का निर्यात करता है। उन्होंने अधिक संतुलित व्यापारिक संबंध बनाने के लिए ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और कपड़ा जैसे क्षेत्रों में निर्यात विविधीकरण का आग्रह किया, जिससे भारतीय व्यवसायों और नौकरियों को बढ़ावा मिल सकता है।
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भारत और रूस के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापार असंतुलन को खुलकर स्वीकार किया है, और उनके व्यापारिक संबंधों में अधिक संतुलन और विविधीकरण की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया है। मंत्री ने रेखांकित किया कि विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय निर्यातकों के लिए पर्याप्त अवसर उपलब्ध हैं।
पृष्ठभूमि विवरण
- भारत और रूस ने पहले 2025 तक 30 बिलियन डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार का लक्ष्य रखा था।
- यह लक्ष्य पहले ही पार हो चुका है, लगभग दोगुना हो गया है।
- हालाँकि, इस व्यापार की संरचना में भारतीय आयात पर भारी निर्भरता दिखाई देती है, विशेष रूप से कच्चे तेल की।
प्रमुख संख्याएँ या डेटा
- वित्त वर्ष 25 में भारत और रूस के बीच माल व्यापार 68.7 बिलियन डॉलर तक पहुँच गया।
- रूस को भारतीय निर्यात 5 बिलियन डॉलर से कम था, जबकि आयात लगभग 64 बिलियन डॉलर था।
- भारतीय द्वारा रूसी तेल की बढ़ती खरीद के कारण व्यापार घाटा काफी बढ़ गया।
- वित्त वर्ष 25 में रूस को भारत के शीर्ष निर्यात में इंजीनियरिंग सामान (1.3 बिलियन डॉलर), इलेक्ट्रॉनिक सामान (862.5 मिलियन डॉलर), और दवाएं व फार्मास्यूटिकल्स (577.2 मिलियन डॉलर) शामिल थे।
- रूस से प्रमुख आयात में कच्चा तेल (लगभग 57 बिलियन डॉलर), पशु और वनस्पति वसा व तेल (2.4 बिलियन डॉलर), और उर्वरक (1.8 बिलियन डॉलर) शामिल थे।
प्रतिक्रियाएँ या आधिकारिक बयान
- पियूष गोयल ने कहा, "मुझे यकीन है कि हम निकट भविष्य में व्यापार असंतुलन को दूर करेंगे और यदि कोई व्यापार बाधाएं हैं तो उन्हें समाप्त करने, कम करने और पतला करने के लिए सामूहिक रूप से काम करेंगे, दोनों देशों में व्यवसायों के लिए अधिक अवसर खोलने के लिए सही परिस्थितियाँ बनाने का काम करेंगे।"
घटना का महत्व
- व्यापार को संतुलित करना भारत की आर्थिक स्थिरता और विदेशी मुद्रा भंडार के लिए महत्वपूर्ण है।
- निर्यात में विविधता लाने से कुछ क्षेत्रों या बाजारों पर निर्भरता कम होती है, जिससे अर्थव्यवस्था अधिक लचीली बनती है।
- यह कदम भारत की वैश्विक व्यापार पदचिह्न का विस्तार करने की व्यापक रणनीति के साथ संरेखित होता है।
भविष्य की उम्मीदें
- दोनों देश व्यापार बाधाओं को कम करने और बेहतर व्यावसायिक परिस्थितियाँ बनाने के लिए काम कर रहे हैं।
- भारत और रूस ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 बिलियन डॉलर से अधिक तक ले जाने का संकल्प लिया है।
- भारत और रूस के नेतृत्व वाले यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन (EAEU) के बीच एक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के लिए बातचीत चल रही है।
क्षेत्र या सहकर्मी प्रभाव
- ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, भारी मशीनरी, कपड़ा और खाद्य उत्पादों जैसे क्षेत्रों में भारतीय निर्यातकों के लिए अप्रयुक्त अवसर पहचाने गए हैं।
- यदि व्यापार बाधाओं को प्रभावी ढंग से कम किया जाता है तो इन क्षेत्रों की भारतीय कंपनियों को बढ़ी हुई मांग मिल सकती है।
नियामक अद्यतन
- भारत और EAEU ब्लॉक ने 20 अगस्त को मॉस्को में FTA वार्ताओं को शुरू करने के लिए 'संदर्भ की शर्तें' (Terms of Reference - ToR) पर हस्ताक्षर किए।
- ToR इन महत्वपूर्ण व्यापार वार्ताओं के लिए एक ढाँचा प्रदान करता है।
मैक्रो-आर्थिक कारक
- भारत सक्रिय रूप से अपने निर्यात में विविधता लाने की कोशिश कर रहा है, आंशिक रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे बाजारों में भारी शुल्क और प्रतिशोधी शुल्कों की प्रतिक्रिया के रूप में।
प्रभाव
- इस विकास से भारतीय निर्माताओं के लिए निर्यात के अवसर बढ़ सकते हैं, जिससे विदेशी मुद्रा आय और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिल सकता है।
- यह रूस के साथ आर्थिक संबंधों को मजबूत करने और तेल आयात पर निर्भरता कम करने के रणनीतिक प्रयास को दर्शाता है।
- EAEU के साथ संभावित FTA भारतीय सामानों के लिए नए बाजार खोल सकता है।
- प्रभाव रेटिंग: 7/10।
कठिन शब्दों की व्याख्या
- द्विपक्षीय वाणिज्य (Bilateral commerce): दो देशों के बीच होने वाला व्यापार।
- व्यापार असंतुलन (Trade imbalance): जब एक देश का दूसरे देश से आयात का मूल्य उस देश को निर्यात के मूल्य से काफी अधिक हो।
- विविधीकरण (Diversification): किसी देश द्वारा निर्यात की जाने वाली वस्तुओं या सेवाओं की विविधता या उन देशों की सीमा का विस्तार करना जिनसे वह व्यापार करता है।
- टैरिफ (Tariffs): आयातित वस्तुओं या सेवाओं पर सरकार द्वारा लगाए गए कर।
- एफटीए (FTA - Free Trade Agreement): दो या दो से अधिक देशों के बीच एक अंतरराष्ट्रीय समझौता, जिसमें उनके बीच व्यापार और निवेश की बाधाओं को कम या समाप्त किया जाता है।
- यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन (EAEU): यूरेशिया में स्थित देशों का एक आर्थिक संघ, जिसका उद्देश्य वस्तुओं, सेवाओं, पूंजी और श्रम की स्वतंत्र आवाजाही है।
- संदर्भ की शर्तें (Terms of Reference - ToR): एक दस्तावेज जो किसी विशेष परियोजना, वार्ता या अध्ययन के दायरे, उद्देश्यों और ढांचे को रेखांकित करता है।
- माल व्यापार (Merchandise trade): भौतिक वस्तुओं की खरीद और बिक्री से संबंधित व्यापार।

