सोमवार को भारतीय शेयर बाज़ारों के मासिक डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान से पहले सपाट लेकिन सकारात्मक शुरुआत करने की उम्मीद है। फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (FPIs) द्वारा लगातार बिकवाली और कमजोर रुपया बाज़ारों को सतर्क रख रहे हैं। अर्निंग्स सीज़न के बाद वैश्विक भावनाएँ (ग्लोबल सेंटिमेंट) उतार-चढ़ाव को निर्देशित करेंगी। विश्लेषकों को अस्थिरता का अनुमान है, खासकर मंगलवार को नवंबर की एक्सपायरी के आसपास एफएंडओ (F&O) अनुबंधों के रोल-ओवर के कारण, जबकि विशेषज्ञों की राय मुद्रा (करेंसी) और वैश्विक चुनौतियों के बावजूद एक सकारात्मक घरेलू दृष्टिकोण का सुझाव देती है।