भारत छह दशकों से अधिक समय में अपने सबसे बड़े आयकर सुधार की शुरुआत कर रहा है, जो 1 अप्रैल, 2026 से प्रभावी होकर 1961 के आयकर अधिनियम को एक नए, सरल कानून से बदल देगा। इस व्यापक बदलाव का उद्देश्य करदाताओं के अनुपालन को अत्यधिक सरल बनाना, सुव्यवस्थित आईटीआर फॉर्म पेश करना, 'कर वर्ष' की अवधारणा को स्पष्ट करना और विवादों को कम करना है, जिससे व्यक्तियों और व्यवसायों दोनों के लिए कर दाखिल करने की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और कम बोझिल हो सके।