Economy
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Updated on 11 Nov 2025, 06:19 pm
Reviewed By
Satyam Jha | Whalesbook News Team
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अक्टूबर में डिमैट खातों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जिसमें 30 लाख नए खाते जोड़े गए। यह 2025 में दूसरा अवसर है जब मासिक वृद्धि 30 लाख के आंकड़े को पार कर गई। इसके परिणामस्वरूप, अक्टूबर के अंत तक डिमैट खातों की कुल संख्या 210.06 मिलियन हो गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 17.4% की वृद्धि दर्शाती है। खातों की संख्या में यह उछाल उछाल भरे सेकेंडरी मार्केट और इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग्स (आईपीओ) की मजबूत पाइपलाइन के कारण है। इसके अलावा, अक्टूबर में इक्विटी बाजारों में भी तेजी आई, जिसे मजबूत कॉर्पोरेट आय और संभावित अमेरिका-भारत व्यापार सौदे को लेकर बढ़ते आशावाद का समर्थन मिला, जो टैरिफ को काफी कम कर सकता है।
प्रभाव: 8/10 डिमैट खातों के माध्यम से खुदरा निवेशकों की भागीदारी में वृद्धि का यह चलन भारतीय शेयर बाजार के लिए एक सकारात्मक संकेतक है। यह इक्विटी निवेश में बढ़ी हुई रुचि का सुझाव देता है, जिससे संभावित रूप से तरलता, ट्रेडिंग वॉल्यूम और बाजार की गहराई बढ़ सकती है। निवेशकों के लिए, यह सक्रिय प्रतिभागियों के बढ़ते समूह का प्रतीक है, जो बाजार की गतिशीलता को प्रभावित कर सकता है और अवसर पैदा कर सकता है। बढ़ती संख्या भारतीय अर्थव्यवस्था और इसके पूंजी बाजारों में बढ़ती वित्तीय साक्षरता और विश्वास को दर्शाती है।