Crypto
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Updated on 15th November 2025, 5:14 PM
Author
Aditi Singh | Whalesbook News Team
बिटकॉइन का व्यवहार असामान्य हो रहा है। जब नैस्डैक 100 गिरता है तो यह तेज़ी से मूल्य खो देता है, लेकिन जब टेक इंडेक्स बढ़ता है तो शायद ही प्रतिक्रिया करता है, भले ही उनके बीच एक मजबूत सहसंबंध (correlation) हो। विशेषज्ञ इसे 'एसिमेट्री' या 'नेगेटिव परफॉरमेंस स्क्यू' कह रहे हैं, जो निवेशकों की थकान और आगे बाजार में संभावित कमजोरी का संकेत देता है। यह पैटर्न, जो पहले बियर मार्केट के निचले स्तरों के करीब देखा गया था, सट्टा रुचि (speculative interest) में कमी और लिक्विडिटी (liquidity) की समस्याओं से जुड़ा है।
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बिटकॉइन निवेशकों के लिए एक निराशाजनक पैटर्न का अनुसरण कर रहा है: नैस्डैक 100 के गिरने पर यह काफी गिर जाता है, लेकिन नैस्डैक के बढ़ने पर बहुत कम प्रतिक्रिया दिखाता है। इस सप्ताह भी कोई अंतर नहीं था, गुरुवार को बिटकॉइन नैस्डैक से दोगुना गिर गया, और शुक्रवार की मामूली बढ़त से मेल नहीं खा सका। बिटकॉइन और नैस्डैक 100 के बीच उच्च सहसंबंध (लगभग 0.8) के बावजूद, यह उनके रिश्ते में कोई टूटन नहीं है, बल्कि विंटरम्यूट (Wintermute) के जैस्पर डी माएरे (Jasper De Maere) के अनुसार यह 'एसिमेट्री' या 'BTC के जोखिम पर प्रतिक्रिया करने का असमान तरीका' है। वह 'परफॉरमेंस स्क्यू' के माध्यम से समझाते हैं, जहां 'नेगेटिव स्क्यू' का मतलब है कि बिटकॉइन जोखिम-रहित अवधियों (बाजार में गिरावट) के दौरान पीछे रह जाता है। यह स्क्यू लगातार नकारात्मक रहा है, जो 2022 के बियर मार्केट बॉटम के स्तर तक गिर गया है। डी माएरे सुझाव देते हैं कि इसका कारण यह है कि बिटकॉइन अपना 'माइंडशेयर' खो रहा है क्योंकि सट्टा रुचि स्टॉक की ओर स्थानांतरित हो गई है, साथ ही ETF इनफ्लो में धीमी गति, स्थिरकॉइन (stablecoin) जारी करने में ठहराव, और बाजार की गहराई (market depth) में कमी भी इसमें योगदान दे रहे हैं। प्रभाव: यह खबर क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजार में संभावित अंतर्निहित कमजोरी और निवेशक की थकान का संकेत देती है। हालांकि यह सीधे तौर पर पारंपरिक भारतीय स्टॉक सूचकांकों को प्रभावित नहीं करता है, यह सट्टा संपत्तियों में एक सतर्क भावना का संकेत देता है, जो क्रिप्टो में रुचि रखने वाले भारतीय निवेशकों के लिए समग्र बाजार जोखिम भूख को प्रभावित कर सकता है। रेटिंग: 4/10।