Crypto
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Updated on 05 Nov 2025, 11:01 am
Reviewed By
Abhay Singh | Whalesbook News Team
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बिटकॉइन की कीमत जून के बाद पहली बार $100,000 के निशान से नीचे आ गई है, जिसमें अपने हाल के ऑल-टाइम हाई से 20% से अधिक की महत्वपूर्ण गिरावट आई है। यह मंदी अक्टूबर की बिकवाली से अलग है, जो मुख्य रूप से लीवरेज्ड पोजिशन्स (leveraged positions) के कैस्केडिंग लिक्विडेशन के कारण हुई थी। वर्तमान गिरावट एक अधिक मूलभूत मुद्दे से उत्पन्न होती प्रतीत होती है: लॉन्ग-टर्म बिटकॉइन होल्डर्स का स्थिर पलायन जो अपनी संपत्ति बेच रहे हैं। विश्लेषकों का अनुमान है कि पिछले महीने में लगभग 400,000 बिटकॉइन, जिनका मूल्य लगभग $45 बिलियन है, इन होल्डर्स द्वारा बेचे गए हैं। यह छह से बारह महीने तक रखे गए सिक्कों (coins) के पुनः सक्रिय होने से स्पष्ट होता है, जो जुलाई के मध्य से महत्वपूर्ण लाभ-वसूली (profit-taking) का संकेत देता है। बिकवाली स्पॉट मार्केट (spot market) में हो रही है, जो पहले देखी गई फ्यूचर्स-संचालित (futures-driven) अस्थिरता से एक बदलाव है। विशेषज्ञ नोट करते हैं कि "मेगा व्हेल" (1,000 से 10,000 बिटकॉइन के होल्डर) ने इस साल की शुरुआत में ही बिकवाली शुरू कर दी थी, और अक्टूबर की गिरावट के बाद से मांग में कमी आई है। ऑन-चेन संकेतक (on-chain indicators) बताते हैं कि कई होल्डर अब "अंडरवाटर" (underwater) हैं, जिसका अर्थ है कि उनकी बिक्री मूल्य उनके खरीद मूल्य से कम है, जिससे उन्हें अपनी पोजिशन्स बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इसके अलावा, 100 से 1,000 बिटकॉइन के होल्डर भी नहीं खरीद रहे हैं, जो महत्वपूर्ण खिलाड़ियों से नई मांग की कमी का संकेत देता है। प्रभाव यह खबर क्रिप्टोकरेंसी बाजार को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती है। लीवरेज्ड लिक्विडेशन से लॉन्ग-टर्म होल्डर की बिकवाली की ओर यह बदलाव एक गहरे, विश्वास-संचालित मंदी का संकेत देता है। इससे कीमतों में और गिरावट, अस्थिरता में वृद्धि और डिजिटल संपत्तियों (digital assets) में व्यापक नकारात्मक भावना आ सकती है। निवेशक अधिक सतर्क हो सकते हैं, जिससे समग्र बाजार भागीदारी (market participation) कम हो सकती है।