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Updated on 14th November 2025, 1:17 AM
Author
Satyam Jha | Whalesbook News Team
प्रोटोकॉल थ्योरी और कॉइनडेस्क की एक नई रिपोर्ट बताती है कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में इंटरनेट से जुड़े लगभग एक-चौथाई वयस्क क्रिप्टोकरेंसी के मालिक हो सकते हैं। यह अपना मुख्य रूप से पारंपरिक वित्तीय सेवाओं तक सीमित पहुंच के कारण है, जिसमें उभरते बाजारों में स्टेबलकॉइन्स को महत्वपूर्ण रूप से अपनाया जा रहा है। रिपोर्ट भविष्य में डिजिटल संपत्ति के विकास के लिए केवल अटकलों के बजाय उपयोगिता और दैनिक जीवन में व्यावहारिक एकीकरण पर बढ़ते फोकस पर प्रकाश डालती है।
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प्रोटोकॉल थ्योरी और कॉइनडेस्क की एक संयुक्त रिपोर्ट बताती है कि एशिया प्रशांत (APAC) क्षेत्र में क्रिप्टोकरेंसी के स्वामित्व में एक महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है, जिसमें संभावित रूप से इंटरनेट-सक्षम लगभग 25% वयस्क डिजिटल संपत्ति रखते हैं। यह प्रवृत्ति मुख्य रूप से उन व्यक्तियों को प्रेरित कर रही है जो पारंपरिक वित्तीय सेवाओं के बाधाओं का सामना कर रहे हैं। विशेष रूप से, उभरते हुए APAC बाजारों में लगभग 18% वयस्कों द्वारा स्टेबलकॉइन्स को अपनाया जा रहा है। रिपोर्ट क्रिप्टो स्पेस में एक रणनीतिक बदलाव पर जोर देती है, जो शुद्ध सट्टेबाजी से हटकर व्यावहारिक उपयोगिता, दैनिक लेनदेन में एकीकरण और वित्तीय समावेशन की ओर बढ़ रही है। भविष्य का विकास इस बात से closely tied है कि डिजिटल संपत्ति रोजमर्रा के उद्देश्यों के लिए कितनी seamlessly उपयोग की जा सकती हैं, जैसे कि सीमा पार भुगतान और टोकनाइज्ड संपत्ति, सहायक नियामक ढांचे के साथ।
Impact यह खबर प्रौद्योगिकी और वित्तीय सेवा क्षेत्रों के लिए प्रासंगिक है, जो एक बढ़ती हुई डिजिटल अर्थव्यवस्था का संकेत देती है जो पारंपरिक वित्त को प्रभावित कर सकती है और फिनटेक में नवाचार को बढ़ावा दे सकती है, खासकर भारत जैसे उभरते बाजारों में। यह डिजिटल संपत्ति क्षेत्र में व्यवसायों और निवेशकों के लिए संभावित अवसर सुझाता है।