Consumer Products
|
Updated on 10 Nov 2025, 04:15 pm
Reviewed By
Aditi Singh | Whalesbook News Team
▶
आरपी-संजीव गोयनका ग्रुप की स्पेंसर रिटेल लिमिटेड ने वित्तीय वर्ष 2026 (जो 30 सितंबर, 2025 को समाप्त हुआ) की दूसरी तिमाही (Q2) के लिए अपने समेकित वित्तीय परिणाम घोषित किए। कंपनी ने Q2 FY26 के लिए ₹63.79 करोड़ का समेकित शुद्ध घाटा दर्ज किया, जो Q2 FY25 में दर्ज ₹97.18 करोड़ के शुद्ध घाटे की तुलना में एक सुधार है। हालांकि, परिचालन से राजस्व में साल-दर-साल (YoY) लगभग 14% की महत्वपूर्ण गिरावट आई, जो Q2 FY26 में ₹445.14 करोड़ रहा, जो Q2 FY25 में ₹518.03 करोड़ था। स्पेंसर ने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष में स्टोर फुटप्रिंट व्यापक होने के कारण YoY तुलना समान नहीं है। तिमाही-दर-तिमाही (QoQ) आधार पर, राजस्व Q1 FY26 के ₹427.25 करोड़ से 4.19% बढ़ा। कुल खर्चों में 23.05% YoY की बड़ी कमी आई, जो ₹512.73 करोड़ रहा। EBITDA ₹13 करोड़ रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में ₹15 करोड़ से थोड़ा कम है। पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी नेचर'स बास्केट ने QoQ बिक्री बनाए रखी, जिसमें मामूली मार्जिन कमी को नियंत्रित खर्चों से संतुलित किया गया। 30 सितंबर, 2025 को समाप्त छह महीनों के लिए, शुद्ध घाटा ₹125.40 करोड़ था। वर्तमान देनदारियां वर्तमान संपत्तियों से ₹929.48 करोड़ अधिक हैं, लेकिन प्रबंधन ने क्रेडिट लाइनों, प्रमोटर पूंजी और परिसंपत्ति मुद्रीकरण विकल्पों तक पहुंच पर प्रकाश डाला। कंपनी का ध्यान घाटे वाले स्टोरों को बंद करने और मार्जिन में सुधार के लिए लागत कम करने पर है।\n\nप्रभाव\nयह खबर सीधे स्पेंसर रिटेल के निवेशकों को प्रभावित करती है, जो कंपनी के वित्तीय स्वास्थ्य और परिचालन प्रदर्शन में अंतर्दृष्टि प्रदान करती है। घाटे का कम होना सकारात्मक है, लेकिन राजस्व में गिरावट चल रही चुनौतियों का संकेत देती है। कंपनी की लागत-बचत और मार्जिन-सुधार योजनाओं को क्रियान्वित करने की क्षमता उसके स्टॉक प्रदर्शन के लिए महत्वपूर्ण होगी।\nप्रभाव रेटिंग: 5/10\n\nकठिन शब्द:\n* समेकित शुद्ध घाटा: एक कंपनी और उसकी सहायक कंपनियों द्वारा अर्जित कुल आय और सभी खर्चों, करों और ब्याज को समायोजित करने के बाद होने वाला कुल घाटा।\n* परिचालन से राजस्व: एक कंपनी की प्राथमिक व्यावसायिक गतिविधियों से उत्पन्न कुल आय।\n* साल-दर-साल (YoY): पिछले वर्ष की समान अवधि के साथ तुलना।\n* तिमाही-दर-तिमाही (QoQ): पिछली तिमाही के साथ तुलना।\n* EBITDA (ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की कमाई): वित्तपोषण, लेखांकन और कर प्रभावों पर विचार करने से पहले एक कंपनी के परिचालन प्रदर्शन का एक माप।\n* पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी: एक कंपनी जो पूरी तरह से किसी अन्य कंपनी (मूल कंपनी) के स्वामित्व में है।\n* वर्तमान देनदारियां: एक वर्ष के भीतर देय दायित्व।\n* वर्तमान संपत्तियां: एक वर्ष के भीतर नकद में परिवर्तित होने या उपयोग किए जाने की उम्मीद वाली संपत्तियां।\n* मुद्रीकरण: किसी संपत्ति को नकदी में बदलना।