Consumer Products
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Updated on 30 Oct 2025, 11:03 am
Reviewed By
Aditi Singh | Whalesbook News Team
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स्विगी लिमिटेड ने सितंबर तिमाही के अपने वित्तीय नतीजे घोषित किए हैं, जिसमें ₹1,092 करोड़ का नेट लॉस सामने आया है। यह पिछले साल की इसी तिमाही में दर्ज ₹626 करोड़ के लॉस की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि है। बढ़ते लॉस के बावजूद, कंपनी ने महत्वपूर्ण रेवेन्यू ग्रोथ हासिल की है। तिमाही का कुल रेवेन्यू 54% बढ़कर ₹5,561 करोड़ हो गया, जो पिछले साल की सितंबर तिमाही में ₹3,601 करोड़ था। कंपनी की EBITDA (ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की कमाई) का लॉस भी साल-दर-साल ₹554 करोड़ से बढ़कर ₹798 करोड़ हो गया। अपने सेगमेंट को गहराई से देखें तो, स्विगी के फूड डिलीवरी बिज़नेस ने ₹1,923 करोड़ का रेवेन्यू दर्ज किया, जो पिछले साल के ₹1,577 करोड़ से ज़्यादा है। इसके क्विक कॉमर्स सेगमेंट ने भी अच्छा प्रदर्शन किया, जिसका रेवेन्यू साल-दर-साल ₹490 करोड़ से दोगुना होकर ₹980 करोड़ हो गया।
Impact यह खबर दर्शाती है कि स्विगी तेज़ी से अपने ऑपरेशंस का विस्तार कर रहा है और अपनी टॉप लाइन बढ़ा रहा है, लेकिन साथ ही उसे उच्च लागतों या कम मार्जिन का सामना करना पड़ रहा है, जिससे नेट लॉस बढ़ गया है। विशेष रूप से क्विक कॉमर्स में महत्वपूर्ण रेवेन्यू ग्रोथ, इसकी सेवाओं के लिए मजबूत बाज़ार मांग का सुझाव देती है। निवेशकों के लिए, यह भारतीय फ़ूड टेक और क्विक कॉमर्स बाज़ार की विकास क्षमता को उजागर करता है, लेकिन लाभप्रदता की राह पर सवाल भी उठाता है। रिपोर्ट किया गया स्टॉक प्रदर्शन, यदि यह एक सूचीबद्ध इकाई है, तो राजस्व वृद्धि के बावजूद निवेशक सावधानी का सुझाव देता है। रेटिंग: 6/10।
कठिन शब्द: नेट लॉस (Net Loss): यह वह कुल राशि है जिससे किसी कंपनी का खर्च एक निश्चित अवधि में उसके राजस्व से अधिक हो जाता है। रेवेन्यू (Revenue): यह कंपनी के प्राथमिक संचालन से संबंधित वस्तुओं या सेवाओं की बिक्री से उत्पन्न कुल आय है। ईबीआईटीडीए (EBITDA - Earnings Before Interest, Tax, Depreciation, and Amortization): यह एक कंपनी के परिचालन प्रदर्शन का एक माप है, जिसमें गैर-परिचालन खर्च (ब्याज, कर) और गैर-नकद खर्च (मूल्यह्रास, परिशोधन) का हिसाब नहीं लिया जाता है। फ़ूड डिलीवरी (Food Delivery): यह भोजन ऑर्डर प्राप्त करने और उन्हें ग्राहकों तक पहुंचाने की सेवा है, जो आमतौर पर रेस्तरां से होती है। क्विक कॉमर्स (Quick Commerce): यह एक खुदरा मॉडल है जो उत्पादों, जैसे कि किराने का सामान या सुविधा वस्तुएं, को बहुत तेज़ी से वितरित करने पर केंद्रित है, आमतौर पर ऑर्डर करने के 10 से 60 मिनट के भीतर। आईपीओ (IPO - Initial Public Offering): यह पहली बार है जब कोई निजी कंपनी अपने शेयर जनता को पेश करती है, जिससे वह सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनी बन जाती है।
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