Whalesbook Logo

Whalesbook

  • Home
  • About Us
  • Contact Us
  • News

शहरी मिलेनियल्स फ्लेक्सिबिलिटी और अनुभवों के लिए मालिकाना हक के बजाय किराए को अपना रहे हैं

Consumer Products

|

Updated on 07 Nov 2025, 08:35 am

Whalesbook Logo

Reviewed By

Simar Singh | Whalesbook News Team

Short Description:

शहरी मिलेनियल्स का एक बड़ा हिस्सा अब चीजें खरीदने की बजाय किराए पर लेना पसंद कर रहा है, जैसे फर्नीचर, गैजेट्स और फैशन। इस ट्रेंड के पीछे फ्लेक्सिबिलिटी, कहीं भी आने-जाने की सुविधा, वित्तीय आसानी और चीजों के बजाय अनुभवों को प्राथमिकता देना है। यह एक सांस्कृतिक बदलाव को दर्शाता है जो 'एक्सेस' और स्मार्ट लिविंग को महत्व देता है, और यह चलन बड़े शहरों से छोटे कस्बों तक फैल रहा है।
शहरी मिलेनियल्स फ्लेक्सिबिलिटी और अनुभवों के लिए मालिकाना हक के बजाय किराए को अपना रहे हैं

▶

Detailed Coverage:

शहरी मिलेनियल्स अपनी उपभोक्ता आदतों को नया रूप दे रहे हैं। वे फर्नीचर और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी विभिन्न वस्तुओं को खरीदने के बजाय किराए पर लेने का विकल्प चुन रहे हैं। ब्रिज़ (Brize) की सीईओ और सह-संस्थापक नेहा मोहता बताती हैं कि यह पीढ़ी कम प्रतिबद्धता वाला जीवन जीना चाहती है, और वे लंबे समय तक बंधे रहने के बजाय अनुभवों, मोबिलिटी और वित्तीय स्वतंत्रता की तलाश में हैं। बार-बार नौकरी या जीवनशैली में बदलाव के कारण स्थानांतरित होने वाली पीढ़ी के लिए भारी सामान का मालिक होना असुविधाजनक है।

किराए पर लेने की अपील सिर्फ लागत बचाने तक ही सीमित नहीं है; यह व्यक्तियों को एयर कंडीशनर या कॉफी मशीन जैसी वस्तुओं के रखरखाव और मरम्मत के तनाव से भी मुक्त करता है। बढ़ती लागतों और दैनिक खर्चों के साथ, बड़ी खरीदारी को सही ठहराना मुश्किल है, लेकिन मिलेनियल्स मालिकाना हक के मूल मूल्य पर भी सवाल उठा रहे हैं। मोहता समझाती हैं कि यह सामर्थ्य और विकसित होते दृष्टिकोणों से प्रेरित है, जहाँ उत्पादों का उपयोग करना उन्हें अपना बनाने से अधिक मूल्यवान माना जाता है, जिससे उपभोक्ता मूल्यह्रास, रखरखाव और भंडारण की चुनौतियों से बचते हैं।

मैकिन्से के अनुसार, 79% उपभोक्ता अपने जीवन स्तर से समझौता किए बिना लागत-प्रभावी विकल्प चुन रहे हैं। यह रेंटल ट्रेंड इसमें पूरी तरह से फिट बैठता है, जिससे मिलेनियल्स को जरूरत पड़ने पर उत्पादों तक पहुंच मिलती है और उपयोग के बाद उन्हें वापस कर देते हैं, जिससे मूल्यह्रास और रखरखाव जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है। मिनिमलिज्म (Minimalism) का प्रभाव भी खर्च करने की आदतों को आकार दे रहा है, जिसमें किराए पर लेने से अव्यवस्था कम होती है और कल्याण और अनुभवों पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति मिलती है।

हालांकि मेट्रो शहरों ने इस रेंटल वेव की शुरुआत की, लेकिन छोटे शहर भी डिजिटल एक्सपोजर और विकसित वित्तीय जागरूकता के कारण इसे तेजी से अपना रहे हैं। व्यवसाय भी उत्पाद बिक्री से सेवा और सब्सक्रिप्शन मॉडल की ओर बढ़ रहे हैं।

प्रभाव: इस ट्रेंड का फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक्स और परिधान जैसे क्षेत्रों में पारंपरिक खुदरा बिक्री पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है, जबकि रेंटल और सब्सक्रिप्शन-आधारित सेवा प्रदाताओं के विकास को बढ़ावा मिलेगा। उपभोक्ता खर्च के पैटर्न में बदलाव आने की संभावना है, जो विनिर्माण और आपूर्ति श्रृंखला रणनीतियों को प्रभावित करेगा।


Economy Sector

Lenskart IPO मूल्यांकन पर बहस: निवेशक संरक्षण और SEBI की भूमिका

Lenskart IPO मूल्यांकन पर बहस: निवेशक संरक्षण और SEBI की भूमिका

Lenskart IPO मूल्यांकन पर बहस: निवेशक संरक्षण और SEBI की भूमिका

Lenskart IPO मूल्यांकन पर बहस: निवेशक संरक्षण और SEBI की भूमिका


Personal Finance Sector

स्मार्ट-बीटा फंड्स: पैसिव एफिशिएंसी और एक्टिव स्ट्रेटेजी का मिश्रण, परफॉरमेंस मार्केट फैक्टर पर निर्भर

स्मार्ट-बीटा फंड्स: पैसिव एफिशिएंसी और एक्टिव स्ट्रेटेजी का मिश्रण, परफॉरमेंस मार्केट फैक्टर पर निर्भर

स्मार्ट-बीटा फंड्स: पैसिव एफिशिएंसी और एक्टिव स्ट्रेटेजी का मिश्रण, परफॉरमेंस मार्केट फैक्टर पर निर्भर

स्मार्ट-बीटा फंड्स: पैसिव एफिशिएंसी और एक्टिव स्ट्रेटेजी का मिश्रण, परफॉरमेंस मार्केट फैक्टर पर निर्भर