यूरेका फोर्ब्स, जो अपने एक्वागार्ड ब्रांड के लिए जानी जाती है, ने तीसरी तिमाही में मजबूत नतीजे पेश किए हैं, जिसमें 15% राजस्व वृद्धि और 32% शुद्ध लाभ में वृद्धि दर्ज की गई है, जो लगातार आठवीं तिमाही की दो अंकों की वृद्धि दर्शाती है। कंपनी को अर्बन कंपनी और एटमबर्ग जैसे डिजिटल-फर्स्ट प्रतिद्वंद्वियों से बढ़ती प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है, जो पारदर्शी मूल्य निर्धारण और कम स्वामित्व लागत के साथ इसके पारंपरिक सेवा-भारी मॉडल को चुनौती दे रहे हैं। इन दबावों के बावजूद, यूरेका फोर्ब्स अपने प्यूरीफायर पोर्टफोलियो का विस्तार कर रही है और डिजिटल सेवाएं प्रदान कर रही है ताकि बढ़ते भारतीय वॉटर प्यूरीफायर बाजार का लाभ उठाया जा सके, जिसके FY29 तक ₹14,350 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है।
यूरेका फोर्ब्स ने सितंबर तिमाही के लिए प्रभावशाली वित्तीय परिणाम प्रस्तुत किए हैं, जो बढ़ती प्रतिस्पर्धा के खिलाफ लचीलापन दिखा रहे हैं। राजस्व साल-दर-साल लगभग 15% बढ़कर ₹773.4 करोड़ हो गया, जो लगातार आठवीं तिमाही है जिसमें दो अंकों की वृद्धि दर्ज की गई है। शुद्ध लाभ में 32% की महत्वपूर्ण उछाल आकर ₹61.6 करोड़ हो गया, और समायोजित ईबीआईटीडीए (Ebitda) पहली बार ₹100 करोड़ के पार चला गया, जिससे 13.1% का जीवन भर का उच्च मार्जिन हासिल हुआ। यहां तक कि इसकी बिक्री के बाद की सेवा (after-sales service) का व्यवसाय, जिसमें वार्षिक रखरखाव अनुबंध (AMCs) भी शामिल हैं, ने ठहराव की अवधि के बाद फिर से दो अंकों की वृद्धि दिखाई है।
हालांकि, कंपनी को अर्बन कंपनी (अपने नेटिव ब्रांड के साथ) और एटमबर्ग टेक्नोलॉजीज जैसी नई-युग की, डिजिटल-फर्स्ट कंपनियों से तीव्र प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। ये प्रतिद्वंद्वी पारदर्शी मूल्य निर्धारण, अनुमानित सर्विसिंग और कम समग्र स्वामित्व लागत की पेशकश करके यूरेका फोर्ब्स के लंबे समय से चले आ रहे सेवा-भारी मॉडल को बाधित कर रहे हैं। वे सीधे ग्राहकों की सामर्थ्य (affordability) और स्वामित्व की जीवनकाल लागत (lifetime cost of ownership) से संबंधित चिंताओं को लक्षित कर रहे हैं, जो यूरेका फोर्ब्स की बिक्री के बाद की सेवाओं से होने वाली महत्वपूर्ण राजस्व धारा को खतरे में डाल रहा है। जबकि अर्बन कंपनी का नेटिव ब्रांड बढ़ रहा है, यह अभी भी लाभप्रदता (profitability) की दिशा में काम कर रहा है, जबकि यूरेका फोर्ब्स एक लाभदायक इकाई बनी हुई है।
भारतीय वॉटर प्यूरीफायर बाजार में काफी वृद्धि होने की उम्मीद है, जिसका अनुमानित वार्षिक वृद्धि दर 10.1% है, जो FY24 में ₹8,860 करोड़ से बढ़कर FY29 तक ₹14,350 करोड़ हो जाएगा, यह जानकारी द नॉलेज को (The Knowledge Co.) के अनुसार है। इस विस्तार का कारण पानी के प्रदूषण की बढ़ती चिंताएं और लगभग 7% की वर्तमान में कम पैठ दर (penetration rate) है। यूरेका फोर्ब्स का प्यूरीफायर पोर्टफोलियो व्यापक बाजार की तुलना में तेजी से बढ़ रहा है, जो सालाना लगभग 12% बढ़ रहा है और FY28 तक 14% बढ़ने का अनुमान है।
प्रतिस्पर्धी दबावों का मुकाबला करने और सामर्थ्य और सेवा अनुभव जैसी बाजार बाधाओं को दूर करने के लिए, यूरेका फोर्ब्स कई रणनीतियों को लागू कर रही है। इसने लगभग ₹7,000 की कीमत वाले एंट्री-लेवल प्यूरीफायर लॉन्च किए हैं जिनकी फिल्टर लाइफ दो साल की है, जिसने 70% से अधिक पहली बार खरीदारों को आकर्षित किया है। कंपनी अपनी सर्विस डिलीवरी को भी बदल रही है, अपने तकनीशियनों के बेड़े को डिजिटल बना रही है, रियल-टाइम ट्रैकिंग पेश कर रही है, स्लॉट चयन को सक्षम कर रही है, और अधिकांश सेवा अनुरोधों को अपने ऐप और वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन स्थानांतरित कर रही है, जिसके एक मिलियन से अधिक मासिक सक्रिय उपयोगकर्ता हैं। यह असंगठित तकनीशियन नेटवर्क को प्रतिस्पर्धियों के बजाय भागीदार के रूप में देखती है, और उन्हें अपनी सेवा पारिस्थितिकी तंत्र में एकीकृत कर रही है। कंपनी एक मजबूत वित्तीय स्थिति भी बनाए रखती है जिसमें नियोजित पूंजी पर रिटर्न (RoCE) 350% से अधिक है और शुद्ध नकदी की स्थिति है।
प्रभाव (Impact): यह बढ़ी हुई प्रतिस्पर्धा और यूरेका फोर्ब्स की रणनीतिक प्रतिक्रियाएं भारत में वॉटर प्यूरीफायर बाजार के भविष्य को आकार दे रही हैं। निवेशक देखेंगे कि यूरेका फोर्ब्स फुर्तीले विघटनकर्ताओं (agile disruptors) के मुकाबले विकास को लाभप्रदता के साथ कैसे संतुलित करती है। कंपनी की अपनी बड़े ग्राहक आधार और सेवा नेटवर्क का लाभ उठाने की क्षमता, जबकि डिजिटल अपेक्षाओं के अनुकूल हो, महत्वपूर्ण होगी। समग्र बाजार में महत्वपूर्ण विस्तार की उम्मीद है, जिससे उन खिलाड़ियों को लाभ होगा जो सामर्थ्य, विश्वसनीय सेवा और मूल्य की उपभोक्ता आवश्यकताओं को प्रभावी ढंग से संबोधित कर सकते हैं।