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भारत के स्नैक किंग ने बेची 7% हिस्सेदारी! ₹2500 करोड़ के सौदे से बाज़ार हैरान - क्या भविष्य में IPO आएगा?

Consumer Products

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Updated on 15th November 2025, 10:53 AM

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Author

Satyam Jha | Whalesbook News Team

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Crux:

बालाजी वेफर्स प्राइवेट लिमिटेड ने पहली बार अपनी हिस्सेदारी बेचने की घोषणा की है, जिसमें 7% हिस्सेदारी अमेरिकी प्राइवेट इक्विटी फर्म जनरल अटलांटिक को लगभग ₹2500 करोड़ में बेची गई है। इस सौदे से गुजरात स्थित स्नैक निर्माता कंपनी का मूल्यांकन ₹35,000 करोड़ हो गया है। संस्थापक चंदू विराणी ने बिक्री के कारणों के रूप में युवा पीढ़ी की सोच और व्यवसायीकरण (professionalization) तथा भविष्य में सार्वजनिक सूची (public listing) की इच्छा का उल्लेख किया, जो 2014 में बायआउट प्रस्ताव को ठुकराने के बाद एक रणनीतिक बदलाव है।

भारत के स्नैक किंग ने बेची 7% हिस्सेदारी! ₹2500 करोड़ के सौदे से बाज़ार हैरान - क्या भविष्य में IPO आएगा?

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Detailed Coverage:

बालाजी वेफर्स प्राइवेट लिमिटेड, जो भारत की एक प्रमुख स्नैक निर्माता कंपनी है, अपनी पहली हिस्सेदारी बेचने जा रही है, जिसके तहत 7% स्वामित्व अमेरिकी-आधारित प्राइवेट इक्विटी फर्म जनरल अटलांटिक को हस्तांतरित की जाएगी। इस सौदे का मूल्य लगभग ₹2500 करोड़ है, जिससे कंपनी का कुल मूल्यांकन अनुमानित ₹35,000 करोड़ हो गया है।

संस्थापक और प्रबंध निदेशक चंदू विराणी ने बताया कि शुरुआत में वे कंपनी की हिस्सेदारी कम (dilute) नहीं करना चाहते थे। हालांकि, उन्होंने युवा पीढ़ी की सोच के साथ तालमेल बिठाने और पेशेवर प्रबंधन प्रथाओं को लागू करने के लिए बिक्री के लिए सहमति व्यक्त की। उनका मानना ​​है कि पूंजी और विशेषज्ञता का यह समावेश भविष्य में एक आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) का मार्ग प्रशस्त करेगा।

बालाजी वेफर्स का एक समृद्ध इतिहास है, जिसकी शुरुआत चार दशक पहले राजकोट में मामूली रूप से हुई थी। विराणी बंधुओं ने कंपनी को भारतीय स्नैक बाज़ार में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाया, जिसका वार्षिक राजस्व ₹6,500 करोड़ है और भारत भर में कई अत्याधुनिक विनिर्माण सुविधाएं हैं।

यह हिस्सेदारी बिक्री बालाजी वेफर्स के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम है, खासकर जब विराणी ने 2014 में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के बायआउट प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था। वर्तमान बिक्री विकास की महत्वाकांक्षाओं और व्यवसाय को पेशेवर बनाने के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण से प्रेरित है।

प्रभाव: यह खबर भारतीय उपभोक्ता वस्तु क्षेत्र और व्यापक निवेश परिदृश्य के लिए महत्वपूर्ण है। बालाजी वेफर्स के संभावित भविष्य के IPO से नए निवेश के अवसर मिल सकते हैं। जनरल अटलांटिक जैसी वैश्विक PE फर्म का प्रवेश भारत की विकास गाथा और स्नैक फूड बाज़ार में विश्वास का संकेत देता है। यह पारिवारिक व्यवसायों में पीढ़ीगत बदलाव को भी उजागर करता है जो विस्तार और व्यवसायीकरण के लिए बाहरी निवेश को अपना रहे हैं। रेटिंग: 8/10.

कठिन शब्द: प्राइवेट इक्विटी फर्म: एक निवेश फर्म जो निवेशकों से धन एकत्र करती है और उन व्यवसायों को खरीदती और प्रबंधित करती है जो स्टॉक एक्सचेंज पर सार्वजनिक रूप से कारोबार नहीं करते हैं। उनका लक्ष्य व्यवसाय को बेहतर बनाना और बाद में लाभ पर बेचना होता है। हिस्सेदारी बिक्री (Stake Sale): किसी कंपनी में स्वामित्व का एक हिस्सा बेचना। हिस्सेदारी कम करना (Dilute Stake): नए शेयर जारी करके किसी कंपनी में अपनी स्वामित्व प्रतिशतता को कम करना। IPO (आरंभिक सार्वजनिक पेशकश): वह प्रक्रिया जिसके द्वारा एक निजी कंपनी पहली बार स्टॉक एक्सचेंज पर निवेशकों को अपने शेयर बेचकर सार्वजनिक बनती है। मूल्यांकन (Valuation): किसी कंपनी का अनुमानित मूल्य।


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