Consumer Products
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Updated on 11 Nov 2025, 04:43 am
Reviewed By
Aditi Singh | Whalesbook News Team
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दिल्ली हाईकोर्ट ने पतंजली आयुर्वेद लिमिटेड पर एक महत्वपूर्ण अंतरिम प्रतिबंध का आदेश दिया है, जिसमें उनके नवीनतम च्यवनप्राश विज्ञापन को तुरंत हटाने का निर्देश दिया गया है। यह फैसला तब आया जब डाबर इंडिया लिमिटेड ने एक मुकदमा दायर किया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि पतंजलि के विज्ञापन में प्रतिस्पर्धी च्यवनप्राश उत्पादों को झूठा 'धोखा' (fraud or deception) कहा गया था। जस्टिस तेजस कारिया के आदेश में सभी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, जिसमें राष्ट्रीय टेलीविजन, ओवर द टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म, स्ट्रीमिंग सिस्टम और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म शामिल हैं, को तीन दिनों के भीतर विज्ञापन का प्रसारण बंद करने का निर्देश दिया गया है।
डाबर इंडिया ने तर्क दिया कि विज्ञापन, जिसमें बाबा रामदेव हैं, अनुचित रूप से उनके प्रमुख डाबर च्यवनप्राश को बदनाम कर रहा है, जो 1949 से बाजार का अग्रणी उत्पाद है। कंपनी का तर्क था कि पतंजलि के विज्ञापन ने पूरे च्यवनप्राश श्रेणी का "जेनेरिक अपमान" (generic disparagement) किया है, जिससे आयुर्वेद-आधारित सप्लीमेंट्स में उपभोक्ता का विश्वास कम हो सकता है। कोर्ट इस बात से सहमत हुआ, यह कहते हुए कि बाबा रामदेव जैसे प्रमुख व्यक्ति द्वारा समर्थित विज्ञापन से दर्शकों पर यह मजबूत प्रभाव पड़ने की संभावना है कि केवल पतंजलि का उत्पाद ही असली है, जिससे वे अन्य ब्रांडों को अनदेखा कर देंगे।
हालांकि पतंजलि के विज्ञापन में विशेष रूप से डाबर का नाम नहीं लिया गया था, कोर्ट ने कहा कि हर दूसरे च्यवनप्राश को 'धोखा' कहना डाबर जैसे बाजार के नेताओं को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करेगा। एक निषेधाज्ञा (injunction) के लिए प्रथम दृष्टया (prima facie) मामला स्थापित किया गया था, क्योंकि एक झूठा विज्ञापन अभियान डाबर को अपूरणीय क्षति पहुंचा सकता है, जबकि प्रसारण रोकने से पतंजलि को महत्वपूर्ण नुकसान नहीं होगा, जो अभी भी प्रतिस्पर्धियों का अपमान किए बिना अपने उत्पाद का विज्ञापन कर सकता है।
प्रभाव यह कोर्ट का आदेश सीधे तौर पर पतंजली आयुर्वेद की मार्केटिंग रणनीति और संभावित रूप से विज्ञापित उत्पाद की बिक्री को प्रभावित करता है। डाबर इंडिया के लिए, यह अपमानजनक दावों से उसकी ब्रांड प्रतिष्ठा और बाजार हिस्सेदारी की रक्षा करता है। यह फैसला एफएमसीजी क्षेत्र में निष्पक्ष विज्ञापन प्रथाओं के लिए एक मिसाल भी कायम करता है। शेयर बाजार पर इसका असर डाबर के लिए सकारात्मक भावना को बढ़ावा दे सकता है और संभावित रूप से पतंजली फूड्स के लिए नकारात्मक, हालांकि इसकी सीमा विज्ञापन की वास्तविक पहुंच और बिक्री प्रभाव पर निर्भर करती है। रेटिंग: 6/10
कठिन शब्दों की व्याख्या: अंतरिम आदेश (Interim order): किसी मामले की अंतिम सुनवाई से पहले तात्कालिकता के आधार पर दिया गया एक अस्थायी अदालती आदेश। मानहानि (Disparagement): किसी उत्पाद, सेवा या कंपनी को नीचा दिखाने या उसके बारे में बुरा बोलने का कार्य, अक्सर विज्ञापन में, जो उसकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकता है। प्रथम दृष्टया मामला (Prima facie case): एक ऐसा मामला जिसमें मुकदमे को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त सबूत हों; पहली नजर में यह सच या वैध प्रतीत होता है। निषेधाज्ञा (Injunction): एक न्यायिक आदेश जो किसी व्यक्ति या संस्था को कोई विशिष्ट कार्य करने से रोकता है।