Consumer Products
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Updated on 31 Oct 2025, 06:55 am
Reviewed By
Aditi Singh | Whalesbook News Team
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डाबर इंडिया ने अपनी सितंबर तिमाही के फाइनेंशियल रिजल्ट्स जारी किए हैं, जिनमें कंसोलिडेटेड सेल्स में 5.4% का सालाना (Y-o-Y) इजाफा हुआ है, जिसका मुख्य कारण डोमेस्टिक बिजनेस में 4.3% की ग्रोथ रही। हालांकि, भारत में कुल वॉल्यूम ग्रोथ महज 2% रही। होम एंड पर्सनल केयर (HPC) सेगमेंट सबसे मजबूत रहा, जिसमें 8.9% की ग्रोथ देखी गई, खासकर ओरल केयर में। इसके विपरीत, हेल्थकेयर और फूड्स एंड बेवरेजेज सेगमेंट में क्रमशः 1.3% और 1.7% की धीमी ग्रोथ दर्ज की गई।
एनालिस्ट्स ने धीमी वॉल्यूम ग्रोथ के मुख्य कारणों में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) ट्रांज़िशन (जिसके तहत डाबर के 66% पोर्टफोलियो को 5% की निचली स्लैब में लाया गया) और सर्दियों की इन्वेंटरी लोडिंग में देरी को बताया, जिसका अनुमानित प्रभाव 300-400 बेसिस पॉइंट्स रहा। ग्रॉस और Ebitda मार्जिन में मामूली बढ़ोतरी (10 और 20 बेसिस पॉइंट्स) हुई, जो प्राइस इंक्रीज और कॉस्ट एफिशिएंसी का नतीजा है। मैनेजमेंट का अनुमान है कि मार्जिन स्थिर रहेंगे।
नतीजों की घोषणा के बाद डाबर के शेयर प्राइस में लगभग 2.5% की गिरावट आई।
ब्रोकरेज व्यूज: * **इनक्रेड इक्विटीज (InCred Equities):** ने ‘होल्ड’ रेटिंग बरकरार रखी है और टारगेट प्राइस घटाकर ₹540 कर दिया है, H2 FY26 में सेल्स मोमेंटम में धीरे-धीरे सुधार की उम्मीद है। उन्होंने डाबर की रूरल मार्केट्स और ओरल केयर में मजबूती और नए इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म Dabur Ventures को सकारात्मक बताया। * **नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज (Nuvama Institutional Equities):** ने ‘बाय’ रेटिंग रखी है लेकिन अर्निंग एस्टीमेट्स को कम करते हुए टारगेट ₹605 कर दिया है। वे संभावित कठोर सर्दियों (La Niña) से हेल्थकेयर डिमांड में बढ़ोतरी और GST बेनिफिट्स से अफोर्डेबिलिटी में सुधार के चलते एक मजबूत H2 FY26 की उम्मीद कर रहे हैं। * **मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (Motilal Oswal Financial Services):** ने लगातार एग्जीक्यूशन चुनौतियों और कमजोर रूरल डिमांड का हवाला देते हुए स्टॉक को ‘न्यूट्रल’ पर डाउनग्रेड किया है और टारगेट ₹525 रखा है। उन्होंने वैल्यूएशन मल्टीपल को कम किया है और तत्काल ग्रोथ रिकवरी में कम विश्वास जताया है। * **जेएम फाइनेंशियल (JM Financial):** ने नतीजों को इनलाइन मानते हुए ‘ऐड’ रेटिंग और ₹535 का टारगेट बरकरार रखा है। उनका मानना है कि GST रैशनलाइजेशन, अपेक्षित ठंडे मौसम और स्थिर रूरल डिमांड के चलते H2 FY26 में मिड-टू-हाई सिंगल-डिजिट ग्रोथ हासिल की जा सकती है।
इंपैक्ट: यह खबर डाबर इंडिया पर मिले-जुले सेंटिमेंट को दर्शाती है। जहां मार्जिन स्थिर हैं और ओरल केयर जैसे प्रमुख सेगमेंट अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं ओवरऑल ग्रोथ मोमेंटम धीमा है। ब्रोकरेजेज ने शॉर्ट-टर्म चिंताओं को दर्शाते हुए टारगेट प्राइस में कटौती की है। H2 FY26 का आउटलुक मौसमी कारकों और GST बेनिफिट्स पर निर्भर करेगा, जिसके लिए सावधानी भरा आशावाद है। यह डाबर और संभवतः अन्य फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG) कंपनियों को प्रभावित कर सकता है जो समान चुनौतियों का सामना कर रही हैं। रेटिंग: 7/10।
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