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भारत के डाइनिंग सीन में ज़ीरो-प्रूफ़ कॉकटेल से ग्रोथ, 'सोबर-क्यूरियस' मूवमेंट की बढ़ती लोकप्रियता

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2nd November 2025, 11:25 AM

भारत के डाइनिंग सीन में ज़ीरो-प्रूफ़ कॉकटेल से ग्रोथ, 'सोबर-क्यूरियस' मूवमेंट की बढ़ती लोकप्रियता

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Short Description :

भारत का प्रीमियम डाइनिंग सेक्टर 'सोबर-क्यूरियस' मूवमेंट के उदय के साथ एक महत्वपूर्ण बदलाव का अनुभव कर रहा है। रेस्टोरेंट ग्लोबल ट्रेंड्स को दर्शाते हुए, परिष्कृत ज़ीरो-प्रूफ़ कॉकटेल की पेशकश कर रहे हैं। भारत में नॉन-अल्कोहलिक पेय पदार्थ बाज़ार का मूल्य 2023 में लगभग ₹1.37 लाख करोड़ था और 2029 तक ₹2.10 लाख करोड़ तक पहुँचने का अनुमान है, जिसमें स्वास्थ्य-जागरूक millennials और Gen Z द्वारा संचालित मज़बूत ग्रोथ दिखाई दे रही है। बर्मा बर्मा, द बॉम्बे कैंटीन, ओ पेड्रो और बंद्रा बोर्न जैसे प्रतिष्ठान इस इनोवेशन का नेतृत्व कर रहे हैं, जो पारंपरिक कॉकटेल के बराबर जटिल, स्वादिष्ट अल्कोहल-फ़्री ड्रिंक्स तैयार कर रहे हैं।

Detailed Coverage :

भारत का प्रीमियम रेस्तरां उद्योग "सोबर-क्यूरियस" मूवमेंट के ज़ोर पकड़ने के साथ एक बड़े परिवर्तन का गवाह बन रहा है, जिससे ज़ीरो-प्रूफ़ कॉकटेल में उछाल आया है। ये इनोवेटिव ड्रिंक्स पारंपरिक कॉकटेल की शिल्प कौशल, संतुलन और जटिलता को दोहराने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, लेकिन बिना अल्कोहल के। यह ट्रेंड नॉन-अल्कोहलिक पेय पदार्थों के बाज़ार को काफ़ी बढ़ावा दे रहा है, जिसका मूल्य 2023 में लगभग ₹1.37 लाख करोड़ था और 2029 तक ₹2.10 लाख करोड़ तक पहुँचने का अनुमान है, जिसमें 7.4% की अनुमानित कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) है। यह बदलाव मुख्य रूप से वेलनेस-केंद्रित millennials और Gen Z उपभोक्ताओं द्वारा प्रेरित है जो इन पेय पदार्थों को "एक्सपीरियंस-फर्स्ट" जीवनशैली का हिस्सा मानते हैं। बर्मा बर्मा, द बॉम्बे कैंटीन, ओ पेड्रो और बंद्रा बोर्न जैसे प्रमुख रेस्टोरेंट सबसे आगे हैं, जो तकनीक-संचालित मेनू विकसित कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, बर्मा बर्मा, इन्फ्यूजन और क्लेरिफिकेशन जैसी जटिल तैयारी विधियों और स्थानीय सामग्री का उपयोग करके ज़ीरो-प्रूफ़ ड्रिंक्स बनाने के लिए मिक्सोलॉजिस्ट के साथ सहयोग करता है। इसी तरह, द बॉम्बे कैंटीन और ओ पेड्रो ने देखा है कि ज़ीरो-प्रूफ़ कॉकटेल उनके पेय की बिक्री का 12-15% योगदान करते हैं, जो पहले 5% से कम था, यह एक उल्लेखनीय वृद्धि है। बंद्रा बोर्न रिपोर्ट करता है कि वीकेंड पर बार ऑर्डर्स का 20% इन्हीं ड्रिंक्स का होता है। प्रभाव: यह ट्रेंड उपभोक्ता की पसंद और डाइनिंग अनुभवों में एक महत्वपूर्ण विकास का संकेत देता है, जो रेस्टोरेंट और पेय आपूर्तिकर्ताओं के लिए नए राजस्व स्रोतों और उत्पाद विकास के अवसरों को खोल सकता है। यह भारत भर में परिष्कृत, नॉन-अल्कोहलिक विकल्पों के बढ़ते बाज़ार का भी सुझाव देता है। प्रभाव रेटिंग 7/10 है। परिभाषाएँ: सोबर-क्यूरियस मूवमेंट (Sober-Curious Movement): एक बढ़ता हुआ ट्रेंड जहाँ व्यक्ति शराब का सेवन काफ़ी कम करने या बंद करने का चुनाव करते हैं, ज़रूरी नहीं कि लत के कारण, बल्कि स्वास्थ्य, कल्याण या व्यक्तिगत पसंद के कारणों से, फिर भी सामाजिक और स्वादिष्ट पेय अनुभवों की तलाश में रहते हैं। ज़ीरो-प्रूफ़ कॉकटेल (Zero-Proof Cocktails): अल्कोहल-मुक्त पेय पदार्थ जिन्हें पारंपरिक अल्कोहलिक कॉकटेल के स्वाद, सुगंध, बनावट और प्रस्तुति की नकल करने के लिए सावधानीपूर्वक तैयार किया जाता है, जिसमें नॉन-अल्कोहलिक स्पिरिट्स, इन्फ़्यूज़्ड सिरप, ताज़े जूस और जटिल गार्निश जैसी सामग्री का उपयोग किया जाता है। CAGR (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट): एक वर्ष से अधिक की निर्दिष्ट अवधि में निवेश या बाज़ार की औसत वार्षिक वृद्धि दर का एक माप, यह मानते हुए कि लाभ का पुनर्निवेश किया जाता है। Millennials और Gen Z: पीढ़ीगत समूह। Millennials आम तौर पर 1981 और 1996 के बीच पैदा हुए हैं, और Gen Z 1997 और 2012 के बीच। इन समूहों को अक्सर उनकी डिजिटल समझदारी और कल्याण तथा अनुभवों पर बढ़ते फोकस की विशेषता होती है।