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3rd November 2025, 4:23 AM
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Lenskart Solutions के इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) की शुरुआत निवेशकों की मजबूत मांग के साथ हुई, जो पहले दिन के अंत तक 1.13 गुना सब्सक्राइब्ड हो गया।
**सब्सक्रिप्शन विवरण**: क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) ने मांग का नेतृत्व किया, उन्होंने अपने आवंटित हिस्से को 1.42 गुना सब्सक्राइब किया। रिटेल निवेशकों ने भी 1.31 गुना सब्सक्रिप्शन दर के साथ बारीकी से अनुसरण किया। नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NIIs) ने मध्यम भागीदारी दिखाई, उनका कोटा 0.41 गुना सब्सक्राइब हुआ।
**ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP)**: अनौपचारिक अनलिस्टेड मार्केट में, Lenskart के शेयर वर्तमान में ₹85 के प्रीमियम पर कारोबार कर रहे हैं। IPO प्राइस बैंड के ऊपरी सिरे ₹402 को ध्यान में रखते हुए, यह लगभग ₹487 प्रति शेयर की अनुमानित लिस्टिंग मूल्य का सुझाव देता है, जो लगभग 21% के संभावित लिस्टिंग गेन की ओर इशारा करता है। हालांकि, बाजार विश्लेषक चेतावनी देते हैं कि GMP केवल बाजार की भावना का संकेत देते हैं और आधिकारिक लिस्टिंग से पहले अत्यधिक अस्थिर हो सकते हैं।
**IPO विवरण**: Lenskart ₹382 से ₹402 प्रति शेयर के प्राइस बैंड में अपने शेयर पेश कर रहा है। कुल इश्यू साइज ₹7,278 करोड़ का है, जिसमें ₹2,150 करोड़ का फ्रेश इश्यू और ₹5,128 करोड़ का ऑफर फॉर सेल (OFS) घटक शामिल है।
**फंड का उपयोग**: इस IPO के माध्यम से जुटाई गई पूंजी का उपयोग रणनीतिक उद्देश्यों के लिए किया जाएगा, जिसमें इसके व्यापक रिटेल फुटप्रिंट का विस्तार, टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना और मार्केटिंग प्रयासों को बढ़ाना शामिल है।
**कंपनी का प्रदर्शन**: वित्त वर्ष 2025 (FY25) में, Lenskart ने ₹297 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो FY24 में ₹10 करोड़ के शुद्ध घाटे से एक महत्वपूर्ण बदलाव है। कंपनी के राजस्व में भी साल-दर-साल 22% की वृद्धि देखी गई, जो ₹6,625 करोड़ तक पहुंच गया, जिसका मुख्य कारण मजबूत घरेलू मांग और बढ़ते अंतरराष्ट्रीय परिचालन हैं।
**समय-सारणी**: Lenskart Solutions IPO के आवंटन की प्रक्रिया लगभग 6 नवंबर को अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है, और कंपनी 10 नवंबर को स्टॉक एक्सचेंजों पर डेब्यू करने की संभावना है।
**प्रभाव**: यह खबर भारतीय शेयर बाजार के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह एक प्रमुख उपभोक्ता आईवियर रिटेलर का IPO है। मजबूत सब्सक्रिप्शन और संभावित सकारात्मक लिस्टिंग से भारत के रिटेल और ओमनीचैनल बिजनेस मॉडल में निवेशकों का विश्वास बढ़ सकता है, जिससे इन क्षेत्रों में अधिक निवेश आकर्षित हो सकता है और भारतीय निवेशकों के लिए पोर्टफोलियो विविधीकरण का एक नया अवसर मिल सकता है।