Whalesbook Logo

Whalesbook

  • Home
  • About Us
  • Contact Us
  • News

हिंदुस्तान यूनिलीवर को ₹1986 करोड़ का टैक्स नोटिस जारी, कंपनी करेगी अपील

Consumer Products

|

1st November 2025, 1:56 AM

हिंदुस्तान यूनिलीवर को ₹1986 करोड़ का टैक्स नोटिस जारी, कंपनी करेगी अपील

▶

Stocks Mentioned :

Hindustan Unilever Limited

Short Description :

हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) को आयकर विभाग ने ₹1986 करोड़ का एक बड़ा टैक्स डिमांड नोटिस जारी किया है। यह नोटिस वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए है और इसमें संबंधित पक्षों के लेनदेन (related-party transactions) के मूल्यांकन और मूल्यह्रास (depreciation) के दावों पर विवाद शामिल है। कंपनी ने कहा है कि वह इस आदेश के खिलाफ अपील करेगी और इसका उसके वित्त या संचालन पर कोई तत्काल प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह HUL द्वारा दूसरी तिमाही के मुनाफे में मामूली वृद्धि दर्ज करने के कुछ समय बाद आया है।

Detailed Coverage :

हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड ने शुक्रवार को घोषणा की कि उसे आयकर विभाग से ₹1986 करोड़ का एक महत्वपूर्ण टैक्स डिमांड नोटिस मिला है। वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए जारी यह नोटिस, संबंधित पक्षों के बीच कुछ लेन-देन के मूल्यांकन में कथित विसंगतियों और कर उद्देश्यों के लिए मूल्यह्रास दावों पर की गई आपत्तियों से संबंधित है। यूनिलीवर, जो रिन और लक्स जैसे ब्रांडों के लिए जानी जाती है, ने पुष्टि की है कि वह कानूनी समय-सीमा के भीतर उपयुक्त अपीलीय प्राधिकारी के पास इस आदेश के खिलाफ अपील दायर करने का इरादा रखती है। हिंदुस्तान यूनिलीवर ने यह भी जोर दिया कि यह टैक्स आदेश वर्तमान में उसके वित्तीय परिणामों या दिन-प्रतिदिन के संचालन को प्रभावित नहीं करता है। यह विकास HUL द्वारा अपनी दूसरी तिमाही के वित्तीय परिणाम जारी करने के कुछ समय बाद हुआ, जिसमें समेकित शुद्ध लाभ ₹2,694 करोड़ दर्ज किया गया था, जो साल-दर-साल 3.8% की वृद्धि है। राजस्व 2.1% बढ़कर ₹16,034 करोड़ हो गया, और सितंबर तिमाही के लिए अंतर्निहित मात्रा वृद्धि (underlying volume growth) सपाट (flat) बताई गई। EBITDA मार्जिन 23.2% रहा, जो कि व्यावसायिक निवेशों में वृद्धि के कारण साल-दर-साल 90 आधार अंकों (basis points) की गिरावट थी।

प्रभाव यह टैक्स डिमांड, भले ही विवादित हो, अगर अपील सफल नहीं होती है तो संभावित भविष्य की देनदारियों के बारे में निवेशकों में चिंता पैदा कर सकती है। यह हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयर की कीमत में अल्पकालिक अस्थिरता (volatility) ला सकता है क्योंकि बाजार जोखिम का आकलन करेगा। भारतीय शेयर बाजार पर व्यापक प्रभाव मुख्य रूप से हिंदुस्तान यूनिलीवर तक ही सीमित रहेगा, जिसमें बहुत कम अन्य क्षेत्रों पर असर पड़ेगा, जब तक कि अन्य प्रमुख उपभोक्ता वस्तु कंपनियों के लिए भी इसी तरह के बड़े कर विवाद उत्पन्न न हों।

प्रभाव रेटिंग: 7/10

कठिन शब्दों का स्पष्टीकरण:

संबंधित-पक्ष लेनदेन (Related-party transactions): ये ऐसे सौदे या व्यवस्थाएं हैं जो उन संस्थाओं के बीच किए जाते हैं जिनका एक-दूसरे से गहरा व्यावसायिक या व्यक्तिगत संबंध होता है, जैसे कि एक मूल कंपनी और उसकी सहायक कंपनी, या एक ही व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित कंपनियां। कर अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए इनकी जांच करते हैं कि वे 'आर्म्स लेंथ' यानी उचित बाजार मूल्य पर किए गए हैं, ताकि कर योग्य आय को कृत्रिम रूप से कम करने से रोका जा सके।

मूल्यह्रास दावे (Depreciation claims): मूल्यह्रास किसी मूर्त संपत्ति की लागत को उसके उपयोगी जीवन पर व्यवस्थित रूप से आवंटित करना है। कंपनियां कर उद्देश्यों के लिए मूल्यह्रास को एक कटौती योग्य व्यय (deductible expense) के रूप में दावा कर सकती हैं, जो उनके कर योग्य लाभ को कम करता है। यदि ये दावे नियमों का पालन नहीं करते हैं तो कर विभाग इनकी समीक्षा कर सकता है और इन्हें अस्वीकृत या समायोजित कर सकता है।

ट्रांसफर प्राइसिंग समायोजन (Transfer pricing adjustments): यह वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से कर अधिकारी किसी बहुराष्ट्रीय निगम के भीतर संबंधित संस्थाओं के बीच हस्तांतरित माल, सेवाओं या बौद्धिक संपदा के लिए लगाए गए मूल्यों को संशोधित करते हैं। इसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि ये मूल्य 'आर्म्स लेंथ' सिद्धांत के अनुरूप हों, जिससे लाभ को कम कर वाले न्यायालयों में स्थानांतरित होने से रोका जा सके।

EBITDA मार्जिन: EBITDA का मतलब है ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की कमाई (Earnings Before Interest, Taxes, Depreciation, and Amortization)। EBITDA मार्जिन एक लाभप्रदता मीट्रिक है जो कंपनी के परिचालन प्रदर्शन को EBITDA को उसके कुल राजस्व से विभाजित करके मापता है। यह दर्शाता है कि कंपनी अपने मुख्य परिचालन से कितनी कुशलता से आय उत्पन्न कर रही है।

अंतर्निहित मात्रा वृद्धि (Underlying Volume Growth): यह मीट्रिक कंपनी द्वारा बेचे गए उत्पादों की मात्रा में एक अवधि में हुए परिवर्तन को मापता है, जिसमें अधिग्रहण, विनिवेश और मुद्रा उतार-चढ़ाव के प्रभाव को छोड़कर। 'सपाट' अंतर्निहित मात्रा वृद्धि इंगित करती है कि बेची गई इकाइयों की संख्या पिछली अवधि की तुलना में स्थिर रही।