Consumer Products
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30th October 2025, 12:12 AM

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भारत में त्योहारी उत्साह ने विभिन्न उपभोक्ता वस्तुओं की मांग में अप्रत्याशित वृद्धि को प्रेरित किया है, जिससे आपूर्ति श्रृंखला में महत्वपूर्ण बाधाएं आ गई हैं। निर्माता और खुदरा विक्रेता उच्च बिक्री मात्रा को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जिसे हाल ही में माल और सेवा कर (जीएसटी) में कटौती से और बढ़ावा मिला है। उपभोक्ताओं को अब 65-85 इंच के टेलीविजन, बड़ी क्षमता वाली वॉशिंग मशीन (8 किग्रा+) और रेफ्रिजरेटर (450-500 लीटर और उससे ऊपर) जैसे प्रीमियम उत्पादों के साथ-साथ डिशवॉशर के लिए भी प्रतीक्षा अवधि का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, चॉकलेट, सॉफ्ट ड्रिंक और स्नैक्स जैसे लोकप्रिय आइटम, विशेष रूप से बड़े पैक आकार में, अक्सर स्टॉक से बाहर होते हैं। उद्योग के अधिकारियों का अनुमान है कि सामान्य आपूर्ति और उपलब्धता को बहाल करने में 15 से 45 दिन लगेंगे। बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए, कंपनियां उत्पादन बढ़ा रही हैं। मारुति सुजुकी ने, उदाहरण के लिए, रविवार को भी अपने संयंत्र खुले रखने का फैसला किया है। कंपनी को लगभग 14,000 कार बुकिंग प्रतिदिन मिल रही है, जो कि जीएसटी सुधार-पूर्व स्तरों से काफी वृद्धि है, और उसे अपने सभी वाहन मॉडलों में कमी का सामना करना पड़ रहा है। नवरात्र अवधि और दिवाली के बीच, मारुति सुजुकी ने लगभग 335,000 वाहन बेचे, जो पिछले वर्ष की तुलना में 50% अधिक है। टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स ने भी इसी त्योहारी अवधि के दौरान 100,000 से अधिक वाहनों की डिलीवरी की सूचना दी, जिससे नेटवर्क स्टॉक को प्रबंधनीय स्तर तक कम करने में मदद मिली। प्रभाव: यह स्थिति भारत में त्योहारी मौसम में मजबूत उपभोक्ता खर्च को उजागर करती है, जो उपभोक्ता टिकाऊ और ऑटो कंपनियों के लिए राजस्व बढ़ा सकती है। हालांकि, यह उत्पादन और इन्वेंट्री प्रबंधन में चुनौतियां भी पेश करती है। निवेशकों को उन कंपनियों के लिए बिक्री में वृद्धि देखने को मिल सकती है जो अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं को प्रभावी ढंग से प्रबंधित कर सकती हैं, लेकिन पूरी न हो सकी मांग से निराशा हो सकती है। भारतीय शेयर बाजार पर समग्र प्रभाव उपभोक्ता-उन्मुख कंपनियों के लिए सकारात्मक होने की संभावना है, हालांकि अल्पावधि में स्टॉकआउट से तत्काल लाभ कम हो सकता है। रेटिंग: 7/10। कठिन शब्द: जीएसटी कटौती: माल और सेवा कर दरों में कमी, जिससे उत्पाद संभावित रूप से सस्ते हो सकते हैं या निर्माता/खुदरा विक्रेता के मार्जिन बढ़ सकते हैं। नवरात्र: नौ रातों तक मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिंदू त्योहार, जो त्योहारी मौसम की शुरुआत का प्रतीक है। दिवाली: रोशनी का त्योहार, एक प्रमुख हिंदू उत्सव जो नवरात्र के बाद आता है और एक चरम खरीदारी अवधि है। नेटवर्क स्टॉक: अंतिम उपभोक्ता तक पहुंचने से पहले अधिकृत डीलरों, वितरकों और खुदरा विक्रेताओं द्वारा रखे गए माल का इन्वेंट्री।