Consumer Products
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30th October 2025, 9:35 AM

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भारत के वियरेबल्स बाज़ार में 2024 में 11.3% की साल-दर-साल गिरावट देखी गई, जो इस श्रेणी का पहला वार्षिक संकुचन है। यह सुस्ती मुख्य रूप से एंट्री-लेवल सेगमेंट में संतृप्ति, सार्थक नवाचार की कमी, और लंबे प्रतिस्थापन चक्रों के कारण है, क्योंकि उपभोक्ता स्मार्टवॉच को अधिक समय तक अपने पास रख रहे हैं। GoBoult जैसी कंपनियाँ उच्च-मूल्य वाली उत्पाद श्रृंखलाएँ लॉन्च करके और Ford तथा Dolby जैसे ब्रांडों के साथ रणनीतिक साझेदारी करके प्रीमियमकरण को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रही हैं। इसी तरह, boAt भी ₹5,000 से ऊपर की कीमत वाले हाई-एंड वियरेबल्स में वृद्धि देख रहा है। घरेलू मांग में आई कमी का मुकाबला करने के लिए, ये कंपनियाँ बिक्री वृद्धि के लिए मध्य पूर्व, दक्षिण पूर्व एशिया और अमेरिका जैसे अंतर्राष्ट्रीय बाजारों की ओर तेज़ी से देख रही हैं। GoBoult का लक्ष्य दो साल के भीतर 20% बिक्री विदेशों से प्राप्त करना है, जबकि Noise यूके और अमेरिका में विस्तार की तैयारी कर रहा है। ऑफ़लाइन खुदरा विस्तार भी एक प्रमुख रणनीति है, जिसमें कंपनियाँ टियर II और टियर III शहरों तक पहुँचने और क्विक कॉमर्स का लाभ उठाने के लिए भौतिक स्टोरों में भारी निवेश कर रही हैं। Noise ने Bose से एक रणनीतिक निवेश भी हासिल किया है, जिसने अपनी प्रीमियम साख को बढ़ाया है। वियरेबल्स की औसत बिक्री मूल्य (ASP) 2025 की दूसरी तिमाही में $20.60 से बढ़कर $21.70 हो गई है, जो उद्योग के उच्च-मूल्य वाले उत्पादों की ओर बढ़ने को दर्शाता है। प्रभाव: प्रीमियम उत्पादों और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में यह रणनीतिक बदलाव भारतीय वियरेबल ब्रांडों के लिए राजस्व वृद्धि बनाए रखने और लाभप्रदता में सुधार करने के लिए महत्वपूर्ण है। इन रणनीतियों की सफलता से महत्वपूर्ण बाजार पुन: स्थापन (repositioning) और वित्तीय लाभ हो सकता है, खासकर boAt जैसी कंपनियों के लिए जो IPO की तलाश कर रही हैं। समग्र भारतीय उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में बजट और प्रीमियम सेगमेंट के बीच एक स्पष्ट अंतर देखा जा सकता है। प्रभाव रेटिंग: 7/10।