आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि भारतीय घरों के खर्च करने के तरीके में बड़ा बदलाव आया है। उपभोक्ता वस्त्र और जूते जैसी बुनियादी ज़रूरतों से हटकर व्यक्तिगत सामान, रसोई उपकरण और वाहन जैसी संपत्ति-निर्माण वस्तुओं की ओर बढ़ रहे हैं। यह प्रवृत्ति, निम्न-आय वर्ग के लोगों में भी देखी जा रही है, जो बढ़ती जागरूकता, बेहतर वित्तीय पहुँच और बाज़ार से जुड़ाव से प्रेरित है। मोबाइल फोन का स्वामित्व लगभग सार्वभौमिक हो गया है, जो मनोरंजन विकल्पों को प्रभावित कर रहा है, जबकि मोटर वाहन का स्वामित्व तेज़ी से बढ़ रहा है, जो शहरी-ग्रामीण अभिसरण को दर्शाता है।