Commodities
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Updated on 14th November 2025, 11:52 PM
Author
Satyam Jha | Whalesbook News Team
2025 में सोने की कीमतों में भारी उछाल आया है, जिसने सेंसेक्स और निफ्टी जैसे प्रमुख इक्विटी सूचकांकों को काफी पीछे छोड़ दिया है। साल-दर-तारीख (Year-to-date), सोना 58% से अधिक बढ़ गया है, जबकि सेंसेक्स 8% और निफ्टी 9.5% रहा है। यह मजबूत प्रदर्शन 2024 और उससे पहले के लाभ पर भी आधारित है। लंबी अवधि की तुलना में इक्विटी थोड़ी आगे दिखती है, लेकिन हाल की सोने की बढ़त ने निवेशकों का ध्यान खींचा है, खासकर आर्थिक और भू-राजनीतिक जोखिमों के कारण। वित्तीय योजनाकार सोने में 10-15% पोर्टफोलियो आवंटन का सुझाव देते हैं, और गोल्ड ईटीएफ (ETF) को एक लागत प्रभावी विकल्प बताते हैं।
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2025 में सोने की कीमतों में असाधारण उछाल देखा गया है, जिसने भारतीय इक्विटी सूचकांकों के रिटर्न को काफी पीछे छोड़ दिया है। 2025 में साल-दर-तारीख, सोना 58% से अधिक चढ़ गया है, जबकि सेंसेक्स और निफ्टी ने क्रमशः लगभग 8% और 9.5% का रिटर्न दिया है। यह शानदार प्रदर्शन पिछले वर्षों के मजबूत लाभ पर आधारित है, जिसमें सोने ने 2024 में 27% और 2023 में 13% का रिटर्न दिया था।
छोटी अवधि में, जैसे पिछले एक साल में, सोने की प्रमुखता और भी अधिक है, जिसने सेंसेक्स के 9% की तुलना में 61% का लाभ दिखाया है। तीन वर्षों में, सोने ने 32% रिटर्न दिया जबकि सेंसेक्स 11% रहा। और चार वर्षों में, सेंसेक्स के 9% की तुलना में 23% का रिटर्न था। पांच वर्षों में भी, सोने ने 16% रिटर्न दिया जबकि सेंसेक्स 14% पर रहा।
हालांकि, जब बहुत लंबी अवधि को देखा जाता है, तो प्रदर्शन अधिक प्रतिस्पर्धी हो जाता है। पिछले 25 वर्षों में, सोने की कंपाउंड एन्युअल ग्रोथ रेट (CAGR) 11.5% है, जबकि सेंसेक्स ने थोड़ा बेहतर प्रदर्शन करते हुए 13% का रिटर्न दिया है। 10, 15 और 20 साल की अवधि में भी इसी तरह की प्रतिस्पर्धी सीमाएँ देखी जाती हैं। यह लेख निवेशकों को आगाह करता है कि सोना लंबे समय तक स्थिर रह सकता है या गिर भी सकता है।
सोने की हालिया मजबूती बढ़ते आर्थिक और भू-राजनीतिक जोखिमों के साथ-साथ केंद्रीय बैंकों (Central Banks) की बढ़ती रुचि और खरीद को जिम्मेदार ठहराया जाता है। खुदरा निवेशकों (Retail Investors) के लिए, पोर्टफोलियो का 10% से 15% सोने में निवेश करना आम तौर पर अनुशंसित है। गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Gold ETFs) में निवेश करना, भौतिक सोने (Physical Gold) की खरीद की तुलना में अधिक लागत प्रभावी तरीका सुझाया गया है।
प्रभाव यह खबर निवेशकों की भावना और संपत्ति आवंटन रणनीतियों (Asset Allocation Strategies) पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालती है। निवेशक सोने और इक्विटी के बीच अपने पोर्टफोलियो के संतुलन पर पुनर्विचार कर सकते हैं, जिससे सोने की होल्डिंग्स बढ़ सकती हैं। इससे पूंजी प्रवाह (Capital Flows) में बदलाव आ सकता है, जिससे भौतिक सोने और सोने-समर्थित वित्तीय साधनों (Gold-Backed Financial Instruments) दोनों की मांग प्रभावित होगी। ईटीएफ (ETFs) जैसे निवेश वाहनों बनाम भौतिक सोने पर चर्चा उपभोक्ता की पसंद को भी निर्देशित करती है। प्रभाव रेटिंग: 8/10.