Commodities
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Updated on 11 Nov 2025, 10:13 am
Reviewed By
Satyam Jha | Whalesbook News Team

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मेटल्स फोकस के साउथ एशिया के प्रिंसिपल कंसल्टेंट चिराग शेठ का अनुमान है कि कीमती धातुओं में अस्थिरता (volatility) जारी रहेगी, जिसमें सोने की कीमतें संभवतः $3,800 और $4,600 प्रति औंस के बीच घट-बढ़ सकती हैं। $4,800-$5,000 प्रति औंस से ऊपर की महत्वपूर्ण मूल्य वृद्धि के लिए नए बाज़ार उत्प्रेरकों (market catalysts) की आवश्यकता होगी। भारत में सोने में निवेश और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) की मांग मजबूत रही है, और कीमतों में स्थिरता और जारी शादी के मौसम के कारण नवंबर में बिक्री बढ़ने की उम्मीद है। वैश्विक केंद्रीय बैंक सोने की मजबूत खरीद जारी रखने की उम्मीद है, जिनका लक्ष्य भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के बीच एक रणनीतिक संपत्ति के रूप में अपने विदेशी मुद्रा भंडार का 5-10% सोने में रखना है। चांदी के संबंध में, शेठ ने सोने की तुलना में मजबूत फंडामेंटल पर प्रकाश डाला, और अगले साल इसके $58-$60 प्रति औंस तक बढ़ने का अनुमान लगाया। इस तेजी के दृष्टिकोण (bullish outlook) का समर्थन बाजार घाटे (market deficits), बढ़ती मांग और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और नई तकनीकों में निवेश से होता है। प्रभाव: यह खबर सोने और चांदी, जो प्रमुख वस्तुएं हैं, की संभावित मूल्य चालों में अंतर्दृष्टि प्रदान करती है। सीधे सोने और चांदी रखने वाले निवेशक, या ETF और संबंधित कंपनी स्टॉक के माध्यम से, अपने पोर्टफोलियो के मूल्यों में प्रभाव देख सकते हैं। अस्थिरता का पूर्वानुमान ट्रेडिंग रणनीतियों और हेजिंग निर्णयों को प्रभावित कर सकता है। यह सोने के आकर्षण को एक सुरक्षित-संपत्ति (safe-haven asset) के रूप में और तकनीकी प्रगति से प्रेरित चांदी की विकास क्षमता को भी उजागर करता है।