Commodities
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Updated on 10 Nov 2025, 07:42 am
Reviewed By
Simar Singh | Whalesbook News Team
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सोना और चांदी की कीमतों में उल्लेखनीय तेज़ी देखी जा रही है, जहाँ MCX दिसंबर गोल्ड फ्यूचर्स 1% बढ़कर 1,22,290 रुपये प्रति 10 ग्राम और सिल्वर फ्यूचर्स 1.94% बढ़कर 1,50,600 रुपये प्रति किलोग्राम हो गए। यह उछाल अमेरिकी उपभोक्ता भावना (consumer sentiment) के निराशाजनक डेटा के कारण आया है, जो 3-1/2 साल के निचले स्तर पर पहुँच गया, और उम्मीद से कमज़ोर रोज़गार (employment) आँकड़े भी इसका कारण बने। ये आर्थिक चिंताएँ सोना और चांदी जैसी 'सुरक्षित-संपत्ति' (safe-haven) की मांग बढ़ा रही हैं, क्योंकि निवेशक स्थिरता की तलाश में हैं। बाज़ार विश्लेषक दिसंबर में फेडरल रिज़र्व द्वारा ब्याज दर में कटौती की 67% संभावना जता रहे हैं। सोना आम तौर पर कम ब्याज दरों और आर्थिक अस्थिरता के दौर में अच्छा प्रदर्शन करता है। पृथ्वीफिनमार्ट कमोडिटी रिसर्च के मनोज कुमार जैन की सलाह है कि कीमतों में गिरावट आने पर सोना और चांदी को जमा किया जाना चाहिए, बशर्ते वे महत्वपूर्ण समर्थन स्तर (support levels) बनाए रखें। उन्होंने इस सप्ताह के लिए गोल्ड को $3,870-$4,140 और सिल्वर को $45.50-$50.50 के बीच कारोबार करने का अनुमान लगाया है। प्रभाव (Impact): यह खबर सीधे कमोडिटी बाज़ारों को प्रभावित करती है, जिससे भारत में सोना और चांदी की कीमतों पर असर पड़ रहा है। यह अंतर्निहित आर्थिक चिंताओं का संकेत देती है जो व्यापक बाज़ार भावना और मुद्रास्फीति को प्रभावित कर सकती हैं। निवेशकों को कीमती धातु की होल्डिंग्स में लाभ दिख सकता है, लेकिन यह अस्थिरता वैश्विक और घरेलू आर्थिक अनिश्चितताओं को उजागर करती है।