यूबीएस ने सोने को लेकर अपना बुलिश नजरिया बनाए रखा है, हालिया अस्थिरता के बावजूद नई ऊंचाइयों की उम्मीद है। फर्म ने 2026 तक सोने के लिए $4,500 प्रति औंस का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसका श्रेय व्यापक आर्थिक अनिश्चितता, भू-राजनीतिक जोखिमों और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें घटाने की उम्मीदों को दिया है। निवेशक पोर्टफोलियो विविधीकरण के लिए आवंटन बढ़ा रहे हैं और केंद्रीय बैंक भी अपने भंडार बढ़ा रहे हैं। कुछ परिदृश्यों में चांदी सोने से बेहतर प्रदर्शन कर सकती है, हालांकि औद्योगिक मांग एक महत्वपूर्ण कारक बनी हुई है।
यूबीएस सोने के भविष्य को लेकर आशावादी बना हुआ है, और उसका अनुमान है कि कीमती धातु अगले साल तक नई ऊंचाइयों को छू सकती है। यूबीएस में प्रीशियस मेटल्स स्ट्रैटेजिस्ट, जोनी टेव्स ने बताया कि मौजूदा वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, बढ़ी हुई भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा आगे ब्याज दरें कम किए जाने की संभावना, सोने जैसी सुरक्षित-संपत्तियों (safe-haven assets) के लिए अनुकूल माहौल बना रही है।
हालिया तेज मूल्य उतार-चढ़ाव के बावजूद, यूबीएस का मानना है कि सोने के लिए मूल दृष्टिकोण (fundamental outlook) मजबूत है। फर्म ने 2026 तक सोने के लिए $4,500 और 2025 के लिए $4,200 का मूल्य लक्ष्य निर्धारित किया है। यदि कोई महत्वपूर्ण, अप्रत्याशित सकारात्मक उत्प्रेरक (catalyst) सामने आता है तो $5,000 तक का ऊपरी लक्ष्य (upside scenario) भी संभव है। सोने की कीमतों को ऊपर ले जाने वाले कारकों में अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों का उम्मीद से कमजोर रहना, फेडरल रिजर्व का अधिक सहयोगात्मक रुख, या फेडरल रिजर्व की स्वतंत्रता के बारे में चिंताओं का बढ़ना शामिल है।
सोने का समर्थन करने वाले प्रमुख कारकों में पोर्टफोलियो विविधीकरण (portfolio diversification) में इसकी भूमिका शामिल है, जहां वास्तविक ब्याज दरों (real interest rates) में गिरावट की उम्मीद के साथ निवेशक सोने की अपनी होल्डिंग बढ़ा रहे हैं। केंद्रीय बैंक भी अपने सोने के भंडार का विस्तार कर रहे हैं। हालांकि आभूषणों की मांग पर दबाव आ सकता है, लेकिन सोने में भौतिक निवेश की मांग मजबूत बनी हुई है।
टेव्स को दिसंबर तक सोने की कीमतों में कुछ स्थिरता (consolidation) की अवधि देखने की उम्मीद है, क्योंकि निवेशक साल के अंत से पहले बड़ी पोजीशन कम कर देते हैं। हालांकि, उन्हें उम्मीद है कि कीमतों में गिरावट पर खरीददारी (buying interest) महत्वपूर्ण गिरावट के जोखिमों को सीमित करेगी।
चांदी के संबंध में, यूबीएस को उम्मीद है कि यह सोने की मजबूती और तंग बाजार की स्थितियों से लाभान्वित होगी, और संभावित रूप से बढ़ती कीमतों के दौरान सोने से बेहतर प्रदर्शन करेगी। चांदी को उन लोगों के लिए एक उच्च-बीटा (higher-beta) निवेश के रूप में देखा जा रहा है जो कीमती धातुओं पर बुलिश दृष्टिकोण व्यक्त करना चाहते हैं।
हालांकि, चांदी के लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम वैश्विक आर्थिक वृद्धि का कमजोर होना है जो इसकी औद्योगिक मांग को प्रभावित कर सकता है, जो इसके मूल्य निर्धारण का एक महत्वपूर्ण कारक है। सोने के विपरीत, चांदी को केंद्रीय बैंक भंडार संचय के माध्यम से सीधा समर्थन नहीं मिलता है।
यूबीएस ने चांदी के लिए $55 का लक्ष्य निर्धारित किया है, और एक बुलिश परिदृश्य में यह $60-$65 तक पहुंच सकती है यदि सोने में तेज उछाल आता है।
प्रभाव: यह खबर निवेशकों के लिए काफी प्रासंगिक है क्योंकि यह दो प्रमुख परिसंपत्ति वर्गों, सोने और चांदी के लिए विशेषज्ञ दृष्टिकोण और मूल्य लक्ष्य प्रदान करती है। यह कीमती धातुओं में पूंजी वृद्धि की क्षमता का सुझाव देती है, जिसका उपयोग हेजिंग और विविधीकरण के लिए किया जा सकता है। हालांकि, अस्थिरता और समेकन (consolidation) का उल्लेख बताता है कि इन लक्ष्यों तक का मार्ग महत्वपूर्ण मूल्य उतार-चढ़ाव से भरा हो सकता है। निवेशकों को आवंटन निर्णय लेते समय इन कारकों पर विचार करना चाहिए। रेटिंग: 7/10।
कठिन शब्द: मैक्रो अनिश्चितता (Macro uncertainty): वैश्विक अर्थव्यवस्था में सामान्य आर्थिक अस्थिरता और अप्रत्याशितता। भू-राजनीतिक जोखिम (Geopolitical risks): संभावित संघर्ष, राजनीतिक अस्थिरता, या अंतरराष्ट्रीय तनाव जो बाजारों को प्रभावित कर सकते हैं। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ईजिंग (US Federal Reserve easing): अमेरिकी केंद्रीय बैंक (फेड) द्वारा ब्याज दरों को कम करने या धन आपूर्ति बढ़ाने के लिए की गई कार्रवाइयां, आमतौर पर आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए। सेफ-हेवन एसेट्स (Safe-haven assets): ऐसे निवेश जिनके मूल्य में बाजार की उथल-पुथल या आर्थिक मंदी के दौरान बने रहने या बढ़ने की उम्मीद होती है, जैसे सोना। स्ट्रक्चरल आउटलुक (Structural outlook): किसी बाजार या संपत्ति का दीर्घकालिक मौलिक प्रवृत्ति या दृष्टिकोण, अल्पकालिक उतार-चढ़ाव से स्वतंत्र। पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन (Portfolio diversification): समग्र जोखिम को कम करने के लिए विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों में निवेश फैलाना। रियल रेट्स (Real rates): मुद्रास्फीति के लिए समायोजित ब्याज दरें। ये रिटर्न की वास्तविक क्रय शक्ति को दर्शाती हैं। डोविश शिफ्ट (Dovish shift): मौद्रिक नीति में अधिक सहयोगात्मक रुख की ओर बदलाव, अक्सर ब्याज दरों को कम करके या भविष्य में दर कटौती का संकेत देकर। हायर-बीटा (Higher-beta): किसी ऐसी संपत्ति को संदर्भित करता है जिसका मूल्य समग्र बाजार से अधिक बढ़ता-घटता है। चांदी से सोने की तुलना में बड़े मूल्य उतार-चढ़ाव दिखाने की उम्मीद है। प्रीशियस-मेटल्स कॉम्प्लेक्स (Precious-metals complex): कीमती धातुओं के समूह को संदर्भित करता है, जिसमें सोना, चांदी, प्लैटिनम और पैलेडियम शामिल हैं। इंडस्ट्रियल डिमांड (Industrial demand): किसी वस्तु (जैसे चांदी) का विनिर्माण और औद्योगिक प्रक्रियाओं में उपयोग।