Commodities
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Updated on 14th November 2025, 5:23 PM
Author
Abhay Singh | Whalesbook News Team
भारत लगभग 55 प्रकार के विशेष स्टील्स (specialty steels) के लिए आयात नियमों में ढील देने की योजना बना रहा है, जो या तो घरेलू स्तर पर उत्पादित नहीं होते हैं या सीमित मात्रा में बनाए जाते हैं। इसमें 1-3 वर्षों के लिए सख्त गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों (Quality Control Orders - QCOs) को अस्थायी रूप से निलंबित करना शामिल है, जिससे ऑटोमोटिव और इलेक्ट्रिकल उपकरण जैसे उद्योगों के लिए सोर्सिंग आसान और संभावित रूप से सस्ती हो जाएगी। इससे चीन और वियतनाम जैसे देशों के निर्यातकों को लाभ हो सकता है, लेकिन घरेलू स्टील की कीमतों पर इसका प्रभाव अभी भी अनिश्चित है।
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भारतीय सरकार लगभग 55 विशेष इस्पात (specialty steel) श्रेणियों के लिए आयात नियमों को शिथिल करने की तैयारी कर रही है। इस्पात के ये विशेष प्रकार अक्सर भारत में निर्मित नहीं होते हैं या अपर्याप्त मात्रा में उत्पादित होते हैं और ऑटोमोबाइल, ट्रांसफार्मर और इलेक्ट्रिकल उपकरण जैसे क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण हैं। वर्तमान में, कंपनियों को गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों (QCOs) के तहत सरकार द्वारा अनुमोदित आपूर्तिकर्ताओं की एक चुनिंदा सूची से ही इन आयातित स्टील्स को सोर्स करना पड़ता है, जिससे खरीद मुश्किल और महंगी हो गई थी। प्रस्तावित परिवर्तन में एक से तीन साल की अवधि के लिए इन सख्त QCOs को अस्थायी रूप से निलंबित करना शामिल है। इस ढील से चीन और वियतनाम सहित कई देशों के स्टील निर्यातकों को लाभ मिलने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि जब तक विशिष्ट ग्रेड अंतिम रूप नहीं दिए जाते, तब तक घरेलू स्टील की कीमतों पर सीधा प्रभाव अनिश्चित है, लेकिन इस कदम से स्थानीय कीमतें कम हो सकती हैं। कुछ लोगों का यह भी मानना है कि इसका प्रभाव सीमित हो सकता है, खासकर यदि स्टील आयात पर सुरक्षा शुल्क (safeguard duties) बढ़ाए जाते हैं। नीति आयोग ने QCOs से कुछ ग्रेड को बाहर करने की सिफारिश की है। स्पेशियलिटी स्टील का मतलब है मूल्य-वर्धित (value-added) इस्पात उत्पाद जो विशेष कोटिंग, प्लेटिंग और हीट ट्रीटमेंट जैसी विशेष प्रक्रियाओं से गुजरते हैं ताकि रणनीतिक उपयोग के लिए विशिष्ट गुण प्राप्त किए जा सकें। एक बार गुणवत्ता नियंत्रण निलंबित हो जाने पर, भारतीय निर्माताओं को किसी भी उपयुक्त विदेशी आपूर्तिकर्ता से सोर्स करने की स्वतंत्रता होगी। जल्द ही एक राजपत्र अधिसूचना (gazette notification) जारी होने की उम्मीद है। हालांकि, राष्ट्रीय हित को देखते हुए स्वास्थ्य सेवा उपकरण (healthcare devices) और रक्षा (defence) जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में स्टील आयात के लिए गुणवत्ता नियंत्रण और लाइसेंसिंग शक्तियां बनाए रखी जाएंगी। प्रभाव: यह नीतिगत बदलाव घरेलू स्टील निर्माताओं और आयातित विशेष इस्पात पर निर्भर कंपनियों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है। इससे घरेलू बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है और कीमतों में समायोजन हो सकता है। यह लागत प्रभावी विकल्पों की अंतिम-उपयोगकर्ता उद्योगों की जरूरतों को घरेलू उत्पादकों द्वारा मांगी गई सुरक्षा के साथ संतुलित करने की दिशा में भी एक संकेत देता है। भारतीय शेयर बाजार पर इसका प्रभाव रेटिंग 7/10 है, क्योंकि इसका औद्योगिक और विनिर्माण क्षेत्रों पर प्रभाव पड़ेगा। कठिन शब्दों की व्याख्या: स्पेशियलिटी स्टील (Specialty Steel): वह स्टील जिसे विशेष गुणों जैसे उच्च शक्ति, संक्षारण प्रतिरोध (corrosion resistance) या गर्मी प्रतिरोध (heat resistance) प्राप्त करने के लिए विशेष प्रसंस्करण या मिश्र धातु (alloying) से गुजारा गया हो, जिसे विशेष अनुप्रयोगों के लिए तैयार किया गया हो। गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (QCOs): सरकारी नियम जो उत्पादों के लिए कुछ गुणवत्ता मानकों को अनिवार्य करते हैं, जिसमें निर्माण या आयात केवल प्रमाणित या अनुमोदित स्रोतों से ही किया जाना चाहिए।