Commodities
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Updated on 10 Nov 2025, 08:20 am
Reviewed By
Akshat Lakshkar | Whalesbook News Team
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एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट "Coming Of (a Turbulent) Age: The Great Global Gold Rush" 2025 में पूरे भारत में हुई खास सोने की खोजों को उजागर करती है। ओडिशा में, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) ने देवगढ़, क्योंझर और मयूरभंज जैसे जिलों में लगभग 1,685 किलोग्राम सोने के अयस्क का पता लगाया है। मध्य प्रदेश के जबलपुर क्षेत्र में 'लाखों टन' सोने की क्षमता दिखाई दे रही है। इसके अलावा, आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में भारत की पहली बड़ी निजी सोने की खदान होगी, जिसके सालाना 750 किलोग्राम उत्पादन करने की उम्मीद है।
इन खोजों का भारत के लिए महत्वपूर्ण आर्थिक प्रभाव है, क्योंकि भारत एक प्रमुख स्वर्ण उपभोक्ता है जो अपनी लगभग 86% मांग के लिए आयात पर बहुत अधिक निर्भर है। घरेलू उत्पादन बढ़ाने से, देश अपने आयात बिल को कम कर सकता है, जिससे चालू खाता शेष (CAD) पर दबाव कम होगा। यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि 2024 में भारत की कुल उपभोक्ता मांग 800 टन से अधिक थी।
**प्रभाव** यह खबर भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। नई सोने की खदानों की खोज से देश की भारी आयात पर निर्भरता कम हो सकती है, जो वर्तमान में लगभग 86% आपूर्ति को कवर करती है। इस कमी से पर्याप्त विदेशी मुद्रा की बचत होगी, जिससे भारत के चालू खाता शेष (CAD) पर दबाव कम होगा। मजबूत CAD आर्थिक स्थिरता में योगदान देता है और निवेशक विश्वास को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है, जो विभिन्न क्षेत्रों और व्यापक शेयर बाजार को प्रभावित कर सकता है। रिपोर्ट का अनुमान है कि FY26 में CAD जीडीपी का लगभग 1-1.1% रहेगा।