Commodities
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Updated on 15th November 2025, 5:08 AM
Author
Aditi Singh | Whalesbook News Team
अक्टूबर 2025 में भारत के रत्न और आभूषण क्षेत्र में भारी गिरावट देखी गई, जहाँ निर्यात 30.57% घटकर $2.17 बिलियन और आयात 19.2% घटकर $1.28 बिलियन रह गया। इसके मुख्य कारणों में वैश्विक मांग में कमजोरी, उच्च ब्याज दरें, अमेरिकी टैरिफ और प्रमुख बाजारों जैसे अमेरिका, यूरोप और चीन में सप्लाई चेन की दिक्कतें शामिल हैं। पॉलिश किए गए हीरे और सोने के आभूषणों के निर्यात में भी उल्लेखनीय गिरावट आई है।
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भारत के महत्वपूर्ण रत्न और आभूषण व्यापार में अक्टूबर 2025 में भारी गिरावट का अनुभव किया गया। कुल सकल निर्यात (gross exports) में साल-दर-साल 30.57% की महत्वपूर्ण गिरावट आई, जो पिछले साल के $3,122.52 मिलियन से घटकर $2,168.05 मिलियन (₹19,172.89 करोड़) हो गया। आयात भी 19.2% घटकर $1,276.8 मिलियन (₹11,299.6 करोड़) रहा। इस मंदी के मुख्य कारण अमेरिका, यूरोप और चीन जैसे प्रमुख बाजारों में धीमी आर्थिक वृद्धि, ऊँची ब्याज दरों और सतर्क उपभोक्ता खर्च के कारण वैश्विक मांग का कमजोर होना है। भू-राजनीतिक अनिश्चितताएं और जारी सप्लाई चेन में बाधाओं ने स्थिति को और खराब कर दिया।
विशिष्ट उत्पाद श्रेणियों में भी उल्लेखनीय कमी देखी गई: कटे और पॉलिश किए गए हीरों (cut and polished diamonds) का निर्यात 26.97% गिर गया, जबकि आयात में 35.76% की और भी बड़ी गिरावट आई। पॉलिश किए गए लैब-ग्रोन डायमंड्स (lab-grown diamonds) का निर्यात भी 34.90% कम हुआ। सोने के आभूषणों (gold jewellery) का निर्यात अक्टूबर में 24.61% घट गया, जिसका मुख्य कारण एक महत्वपूर्ण अमेरिकी टैरिफ था जिसने भारतीय उत्पादों को प्रतिस्पर्धी नहीं छोड़ा। इसके विपरीत, चांदी के आभूषणों (silver jewellery) के निर्यात में अप्रैल-अक्टूबर 2025 की अवधि में सुधार देखा गया।
अन्य योगदान कारकों में व्यापार टैरिफ, अमेरिकी डॉलर को मजबूत करने वाली मुद्रा में उतार-चढ़ाव, निर्यातकों के लिए सीमित वित्तपोषण विकल्प और त्योहारी सीजन के बाद घरेलू इन्वेंट्री समायोजन शामिल हैं।
प्रभाव (Impact) एक प्रमुख निर्यात क्षेत्र में यह तेज गिरावट भारतीय आभूषण कंपनियों के वित्तीय प्रदर्शन और मूल्यांकन (valuations) पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। यह वैश्विक आर्थिक स्थितियों और व्यापार नीतियों के प्रति क्षेत्र की संवेदनशीलता को उजागर करता है, जो रोजगार और विदेशी मुद्रा आय को प्रभावित कर सकता है। Impact Rating: 6/10