Commodities
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Updated on 12 Nov 2025, 10:01 am
Reviewed By
Aditi Singh | Whalesbook News Team

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भारतीय अब गहनों और बारों सहित भौतिक सोने की खरीद से तेजी से गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) जैसे वित्तीय सोने के उत्पादों को चुनने लगे हैं। यह महत्वपूर्ण बदलाव कई कारकों से प्रेरित है: सुविधा, बेहतर सुरक्षा, कम लेनदेन और भंडारण लागत, तत्काल तरलता (liquidity), और पारदर्शी मूल्य निर्धारण। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) और फिनटेक (Fintech) अनुप्रयोगों के माध्यम से बेहतर विनियमन और व्यापक डिजिटल पहुंच ने खुदरा निवेशकों के लिए बाधाओं को काफी कम कर दिया है।
Augmont की डॉ. रेनिषा चैननी और VT Markets के रॉस मैक्सवेल जैसे विशेषज्ञ इस बात पर जोर देते हैं कि डिजिटल गोल्ड सटीक एक्सपोजर प्रदान करता है, निवेश पोर्टफोलियो में आसानी से एकीकृत हो जाता है, और भौतिक धातु रखने की तुलना में सोने की कीमतों के एक्सपोजर प्राप्त करने या हेजिंग (hedging) करने के उद्देश्य को अधिक कुशलता से पूरा करता है। भारत की बढ़ती प्राथमिकता स्पष्ट है, क्योंकि इसने अक्टूबर 2025 में वैश्विक गोल्ड ईटीएफ इनफ्लो में तीसरा स्थान हासिल किया।
यह प्रवृत्ति विशेष रूप से युवा, तकनीक-प्रेमी निवेशकों के बीच देखी जा रही है जो ऐप-आधारित खरीदारी और व्यवस्थित स्वर्ण निवेश पसंद करते हैं। हालांकि, पुराने निवेशक भी अपनी तरलता (liquidity) और कर लाभ (tax advantages) के लिए धीरे-धीरे पेपर गोल्ड में धन आवंटित कर रहे हैं। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड परिपक्वता (maturity) पर अतिरिक्त 2.5% वार्षिक ब्याज और कर-मुक्त पूंजीगत लाभ (tax-exempt capital gains) प्रदान करते हैं, जबकि गोल्ड ईटीएफ को पूंजीगत संपत्ति (capital assets) की तरह माना जाता है और वे पूंजीगत लाभ कर (capital gains tax) के अधीन होते हैं।
यह प्रवृत्ति भारत के निवेश परिदृश्य में एक बड़े विकास का प्रतीक है, जिससे सोना अधिक सुलभ और मुख्यधारा के पोर्टफोलियो में एकीकृत हो गया है। यह डिजिटल, सुविधाजनक और संभावित रूप से अधिक कर-कुशल निवेश विधियों की ओर बदलती निवेशक प्राथमिकताओं को दर्शाता है। निवेशकों के लिए, इसका मतलब है भौतिक भंडारण और सुरक्षा की परेशानियों के बिना सोने की कीमतों का एक्सपोजर पाने के आसान तरीके। रेटिंग: 8/10
कठिन शब्द: गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड): ऐसे फंड जो स्टॉक एक्सचेंजों पर ट्रेड होते हैं और सोने की कीमत को ट्रैक करते हैं। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी): सरकार द्वारा जारी किए गए बॉन्ड जो सोने के ग्रामों में अंकित होते हैं, ब्याज और पूंजीगत वृद्धि (capital appreciation) प्रदान करते हैं। यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस): तत्काल धन हस्तांतरण के लिए एक रीयल-टाइम भुगतान प्रणाली। फिनटेक: वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियां जो सॉफ्टवेयर और प्रौद्योगिकी के माध्यम से वित्तीय सेवाएं प्रदान करती हैं। हेजिंग: प्रतिकूल मूल्य आंदोलनों के जोखिम को कम करने के लिए निवेश करना। तरलता (Liquidity): वह आसानी जिससे किसी परिसंपत्ति को उसकी कीमत को प्रभावित किए बिना नकदी में परिवर्तित किया जा सकता है। पूंजीगत लाभ कर (Capital Gains Tax): किसी संपत्ति की बिक्री से होने वाले लाभ पर लगाया जाने वाला कर।