Commodities
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Updated on 06 Nov 2025, 03:56 am
Reviewed By
Aditi Singh | Whalesbook News Team
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भारत का खनन क्षेत्र एक महत्वपूर्ण पुनरुद्धार से गुजर रहा है, जो वर्षों के ठहराव से आगे बढ़ रहा है। यह पुनरुद्धार सरकारी सुधारों द्वारा संचालित है, जिनका उद्देश्य घरेलू अन्वेषण को गहरा करना और खान नीलामी में तेजी लाना है, साथ ही वैश्विक ऊर्जा संक्रमण के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण खनिजों में आत्मनिर्भरता पर रणनीतिक ध्यान केंद्रित करना है। नेशनल मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट जैसी पहलें अधिक निजी भागीदारी को आकर्षित कर रही हैं, जिससे पहले से कम खोजे गए खनिज भंडार को अनलॉक करने में मदद मिल रही है। तेजी से विस्तार कर रहे नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन और उन्नत विनिर्माण क्षेत्रों में तांबा, जस्ता, लिथियम और दुर्लभ पृथ्वी तत्वों (rare earth elements) जैसी धातुओं की मांग काफी बढ़ रही है, जो घरेलू खनिकों को रणनीतिक रूप से स्थापित करती है। नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन (National Critical Mineral Mission) भी चीन पर भारत की निर्भरता को कम करने में महत्वपूर्ण है। निवेशकों के लिए, यह भारत के खनिज संपदा प्रबंधन के लिए एक संभावित महत्वपूर्ण मोड़ का प्रतिनिधित्व करता है। यह लेख पांच स्मॉल-कैप खनन कंपनियों की पहचान करता है जो लाभ उठाने के लिए अच्छी स्थिति में हैं: सरदा एनर्जी एंड मिनरल्स, आषापुरा माइनकेम, गुजरात मिनरल डेवलपमेंट कॉर्प. (GMDC), संदूर मैंगनीज एंड आयरन ओर्स लिमिटेड, और MOIL लिमिटेड। ये कंपनियां अपनी क्षमता का विस्तार कर रही हैं और अपने पोर्टफोलियो में विविधता ला रही हैं। प्रभाव: यह प्रवृत्ति भारतीय शेयर बाजार के लिए, विशेष रूप से खनन और संबंधित औद्योगिक क्षेत्रों के लिए, अत्यधिक सकारात्मक है। यह कंपनियों के लिए राजस्व और मुनाफे में वृद्धि, घरेलू उत्पादन क्षमता में वृद्धि, और रणनीतिक खनिजों में राष्ट्रीय आत्मनिर्भरता में सुधार का वादा करता है, जिससे आयात पर निर्भरता कम हो सकती है। यह रोजगार सृजन और समग्र आर्थिक विकास में भी योगदान देता है। प्रभाव रेटिंग: 8/10 कठिन शब्द: वर्टिकली इंटीग्रेटेड (Vertically integrated): एक ऐसी कंपनी जो अपने उत्पादन प्रक्रिया के कई चरणों को नियंत्रित करती है, कच्चे माल के निष्कर्षण से लेकर तैयार उत्पाद के निर्माण तक। कैप्टिव आयरन ओर और कोल माइनिंग एसेट्स (Captive iron ore and coal mining assets): खनन परिचालन जो एक कंपनी द्वारा अपने स्वयं के निर्माण के लिए कच्चे माल की आपूर्ति हेतु स्वामित्व और संचालित किए जाते हैं। मैंगनीज-आधारित फेरो अलॉयज (Manganese-based ferro alloys): मैंगनीज के अलॉयज, लोहे या अन्य धातुओं के साथ, जिनका उपयोग स्टील उत्पादन में होता है। बॉक्साइट (Bauxite): एक अवसादी चट्टान जिससे एल्यूमीनियम निकाला जाता है। बेंटोनाइट (Bentonite): एक प्रकार की मिट्टी जो अपने अवशोषक गुणों के लिए जानी जाती है, जिसका उपयोग ड्रिलिंग, फाउंड्री और अन्य में होता है। दुर्लभ पृथ्वी तत्व (Rare earth elements - REEs): 17 रासायनिक तत्वों का एक समूह जिनके अद्वितीय गुण इलेक्ट्रॉनिक्स और मैग्नेट जैसी आधुनिक तकनीकों के लिए आवश्यक हैं। मर्चेंट लिग्नाइट सेलर (Merchant lignite seller): एक कंपनी जो लिग्नाइट (एक प्रकार का कोयला) को बाहरी ग्राहकों को बेचती है, न कि केवल अपने स्वयं के संचालन के लिए उपयोग करती है। मोनेटाइजिंग (Monetizing): किसी संपत्ति को नकदी या राजस्व धारा में परिवर्तित करना। सेफगार्ड ड्यूटी (Safeguard duty): आयात पर लगाया गया एक टैरिफ जो अचानक आयात वृद्धि से घरेलू उद्योगों की रक्षा करता है। इलेक्ट्रोलाइटिक मैंगनीज डाइऑक्साइड (EMD): मैंगनीज का एक यौगिक जिसका उपयोग मुख्य रूप से ड्राई सेल बैटरी में होता है। MTPA: मिलियन टन प्रति वर्ष (Million Tonnes Per Annum), उत्पादन क्षमता की एक इकाई। MMT: मिलियन मीट्रिक टन (Million Metric Tonnes), भंडार की एक इकाई।