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भारतीय चीनी उद्योग घरेलू भंडार बढ़ने के बीच अमेरिका, यूरोपीय संघ के बाज़ार तक पहुँच की तलाश में

Commodities

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29th October 2025, 1:43 PM

भारतीय चीनी उद्योग घरेलू भंडार बढ़ने के बीच अमेरिका, यूरोपीय संघ के बाज़ार तक पहुँच की तलाश में

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Short Description :

इंडियन शुगर एंड बायो-एनर्जी मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन (ISMA) भारतीय सरकार से अमेरिका और यूरोपीय संघ जैसे देशों में भारतीय चीनी निर्यात के लिए बाज़ार पहुँच (मार्केट एक्सेस) बेहतर बनाने का आग्रह कर रही है। भारत में चीनी का घरेलू भंडार बढ़ रहा है, क्योंकि इथेनॉल उत्पादन के लिए कम चीनी का उपयोग हुआ है। सरकार 2025-26 विपणन वर्ष के लिए निर्यात की अनुमति देने पर विचार कर रही है।

Detailed Coverage :

इंडियन शुगर एंड बायो-एनर्जी मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन (ISMA) ने सरकार से भारतीय चीनी निर्यात के लिए बेहतर बाज़ार पहुँच पर बातचीत करने का अनुरोध किया है। वे विशेष रूप से अमेरिका और यूरोपीय संघ जैसे प्रमुख चीनी-उपभोक्ता देशों द्वारा लगाए गए व्यापार प्रतिबंधों को लेकर चिंतित हैं। ISMA के माधव श्रीराम ने बताया कि मौजूदा फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स (FTAs) के बावजूद, चीनी पर विशेष सीमाएँ हैं। अमेरिका और यूरोपीय संघ जैसे देश मात्रात्मक कोटा (quantitative quotas) लागू करते हैं जो यह सीमित करते हैं कि भारत उन्हें कितनी चीनी बेच सकता है। इससे भारतीय चीनी निर्यातकों को नुकसान होता है। ISMA सरकार के साथ मिलकर इन बाधाओं को दूर करने और इन प्रतिबंधित बाज़ारों तक अधिक प्रभावी ढंग से पहुँचने की रणनीतियों पर सक्रिय रूप से चर्चा कर रही है। Impact इस खबर का भारतीय चीनी क्षेत्र पर भविष्य की निर्यात नीतियों को प्रभावित करके और यदि पहुँच बेहतर होती है तो भारतीय चीनी की अंतरराष्ट्रीय मांग को संभावित रूप से बढ़ाकर असर पड़ सकता है। यह घरेलू आपूर्ति-मांग की गतिशीलता को भी उजागर करता है। यदि सरकार अधिक निर्यात की अनुमति देती है, तो इससे घरेलू चीनी उत्पादकों के लिए बेहतर कीमतें मिल सकती हैं। निवेशकों के लिए, इससे चीनी कंपनियों के लिए सकारात्मक भावना (sentiment) पैदा हो सकती है। Impact Rating: 7/10

Difficult Terms: Quantitative quotas: किसी देश द्वारा आयात किए जा सकने वाले किसी विशेष वस्तु की विशिष्ट मात्रा पर लगाई गई सीमाएँ। Free Trade Agreements (FTAs): दो या दो से अधिक देशों के बीच ऐसे समझौते जो टैरिफ और कोटा जैसी आयात और निर्यात की बाधाओं को कम या समाप्त करते हैं। Ethanol production: इथेनॉल (एक प्रकार का अल्कोहल) बनाने की प्रक्रिया, जिसका उपयोग ईंधन योजक (fuel additive) या औद्योगिक अनुप्रयोगों में किया जा सकता है। भारत में, चीनी शीरा (sugar molasses) इथेनॉल के लिए प्राथमिक फीडस्टॉक है। Marketing year: कृषि उत्पादों के लिए परिभाषित 12 महीने की अवधि, जिसमें उत्पादन, बिक्री और इन्वेंट्री को ट्रैक किया जाता है। भारत में चीनी के लिए, यह अक्टूबर से सितंबर तक चलता है। Diversion: किसी वस्तु को उसके प्राथमिक इच्छित उपयोग के बजाय किसी भिन्न उपयोग के लिए पुनर्निर्देशित करने का कार्य; यहाँ, सीधे उपभोग या निर्यात के बजाय इथेनॉल उत्पादन के लिए चीनी का उपयोग।