Commodities
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3rd November 2025, 6:25 AM
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हाजिर सोने की कीमतें $4,000.65 प्रति औंस पर स्थिर रहीं, जबकि अमेरिकी गोल्ड फ्यूचर्स में थोड़ी वृद्धि देखी गई। इस कीमती धातु में 20 अक्टूबर को अपने सर्वकालिक उच्च स्तर से लगभग 9% की गिरावट आई है। भारत में, 24-कैरेट सोने की कीमत ₹12,317 प्रति ग्राम, 22-कैरेट की ₹11,290, और 18-कैरेट की ₹9,238 थी, जबकि दिल्ली में चांदी ₹154 प्रति ग्राम पर कारोबार कर रही थी। वर्तमान स्थिरता काफी हद तक एक मजबूत अमेरिकी डॉलर के कारण है, जो सोने के लिए किसी भी महत्वपूर्ण बढ़त को सीमित करता है। निवेशक भावना फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति से भी प्रभावित हो रही है। हालिया दर कटौती के बाद, फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल के 'हॉकिश' (कठोर मौद्रिक नीति) रुख ने 2025 में आगे ब्याज दर में कटौती पर दांव कम कर दिए हैं, और दिसंबर में कटौती की बाजार संभावना घट रही है। सोना, जिसे आम तौर पर कम ब्याज दरों से लाभ होता है, बेहतर जोखिम लेने की क्षमता (risk appetite) और अपेक्षाकृत उच्च यील्ड (yields) के दबाव का सामना कर रहा है। बाजार की उम्मीदें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच टैरिफ (tariff) कम करने के समझौते से बढ़ीं, जिसके साथ चीन ने सोयाबीन की अधिक खरीद और दुर्लभ पृथ्वी निर्यात का वादा भी किया। हालांकि, चीन द्वारा सोने की बिक्री पर 6% वैट प्रोत्साहन को हटाने के फैसले से स्थानीय कीमतें बढ़ सकती हैं और दुनिया के सबसे बड़े बुलियन बाजारों में से एक में मांग कम हो सकती है। निवेश की मांग मजबूत बनी हुई है, जिसमें ईटीएफ (ETFs) में महत्वपूर्ण प्रवाह और बार (bars) और सिक्कों (coins) की निरंतर मांग शामिल है। केंद्रीय बैंकों ने भी अपनी सोने की खरीदारी बढ़ाई है। इसके विपरीत, आभूषणों की मांग लगातार छठी तिमाही में गिरी है, मुख्य रूप से उपभोक्ताओं को हतोत्साहित करने वाली सोने की ऊंची कीमतों के कारण। सोना वर्तमान में $3,920 और $4,060 प्रति औंस के बीच समेकित (consolidating) हो रहा है, जबकि चांदी $46 और $49 प्रति औंस के बीच कारोबार कर रही है। इन सीमाओं से बाहर निकलने पर 3-5% की मूल्य चाल (price movement) आ सकती है। व्यापारी अब आगे की दिशा के लिए प्रमुख अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों का इंतजार कर रहे हैं। Impact इस खबर का भारतीय निवेशकों और उपभोक्ताओं पर मध्यम प्रभाव पड़ेगा। वैश्विक कारकों से प्रभावित स्थिर सोने की कीमतें, भारत में आभूषणों और निवेश की खरीद निर्णयों को सीधे प्रभावित करती हैं। निकट भविष्य में, वैश्विक व्यापक आर्थिक अनिश्चितता (global macroeconomic uncertainty) के प्रभाव में, रेंज-बाउंड ट्रेडिंग (range-bound trading) की संभावना है।