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भारत ने 41 कोयला खदानों की नीलामी की, स्वच्छ ऊर्जा के लिए भूमिगत गैसीकरण पर जोर

Commodities

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29th October 2025, 7:37 PM

भारत ने 41 कोयला खदानों की नीलामी की, स्वच्छ ऊर्जा के लिए भूमिगत गैसीकरण पर जोर

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Short Description :

भारत सरकार ने 41 कोयला खदानों की नीलामी शुरू की है, जिसमें 20 पारंपरिक और 21 भूमिगत कोयला गैसीकरण (UCG) खदानें शामिल हैं। इस पहल का उद्देश्य कोयले के अधिक स्वच्छ, विविध उपयोगों को बढ़ावा देना है, जिसमें गहरे कोयला भंडार को सिनगैस में परिवर्तित किया जाएगा, जो प्रदूषण को कम कर सकता है और औद्योगिक फीडस्टॉक के रूप में काम कर सकता है, जिससे प्राकृतिक गैस का आयात घटेगा। सरकार ने 2030 तक 100 मिलियन टन कोयला गैसीकरण का लक्ष्य रखा है और पायलट UCG परियोजनाओं को पर्यावरणीय मंजूरी से छूट दी है।

Detailed Coverage :

कोयला मंत्रालय ने वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी का 14वां दौर शुरू किया है, जिसमें 41 खदानें बोली के लिए पेश की गई हैं। इस बैच में 20 पारंपरिक खदानें और 21 भूमिगत कोयला गैसीकरण (UCG) खदानें शामिल हैं, जो UCG संभावित स्थलों की पहली नीलामी है। सरकार का ध्यान गैसीकरण के माध्यम से गहरे कोयला भंडार का उपयोग करना है, जो कोयले को सिनगैस में बदलने की एक तकनीक है। कोयला और खान मंत्री जी किशन रेड्डी के अनुसार, UCG से कम प्रदूषण होता है और यह उद्योगों को सिनगैस फीडस्टॉक के रूप में प्रदान करता है, जो आयातित प्राकृतिक गैस का विकल्प बन सकता है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कोयला गैसीकरण भारत की 'हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था' (hydrogen economy) की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उद्योगों के लिए स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देता है। सरकार के महत्वाकांक्षी लक्ष्य हैं, जिसमें 2030 तक 100 मिलियन टन कोयला गैसीकरण का लक्ष्य शामिल है। इसके समर्थन में, पिछले साल कोयला और लिग्नाइट गैसीकरण परियोजनाओं के लिए ₹8,500 करोड़ का परिव्यय (outlay) स्वीकृत किया गया था। इसके अलावा, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने पायलट UCG परियोजनाओं को पर्यावरणीय मंजूरी की आवश्यकता से छूट दी है, जिससे उनके विकास में सुविधा होगी। कोयला मंत्रालय के सचिव विक्रम देव दत्त ने जोर दिया कि भारत को एक विकसित अर्थव्यवस्था बनाने के लिए कोयला संसाधनों का त्वरित, कुशल और स्वच्छ उपयोग आवश्यक है। अब तक, 12 दौरों में 133 खदानों की नीलामी हो चुकी है, जिससे ₹41,000 करोड़ का अनुमानित निवेश आया है और 370,000 से अधिक नौकरियां सृजित हुई हैं। प्रभाव (Impact): यह विकास ऊर्जा क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है, जो कोयला कंपनियों और नई गैसीकरण प्रौद्योगिकियों में निवेश को बढ़ावा दे सकता है। यह अधिक कुशल और संभावित रूप से स्वच्छ कोयला उपयोग की ओर एक रणनीतिक बदलाव का संकेत देता है, जो प्राकृतिक गैस के आयात की मांग को प्रभावित कर सकता है और उन क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा दे सकता है जो सिनगैस का उपयोग कर सकते हैं या हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था में योगदान कर सकते हैं। सरकारी सक्रिय नीति समर्थन और पायलट परियोजनाओं के लिए छूट एक मजबूत प्रोत्साहन का संकेत देते हैं, जिससे यह ऊर्जा और औद्योगिक सामग्री क्षेत्र में निवेशकों के लिए एक प्रमुख विकास बन गया है। रेटिंग (Rating): 7/10. कठिन शब्द (Difficult terms): कोयला गैसीकरण (Coal gasification): कोयले को सिंथेसिस गैस (सिनगैस) में बदलने की प्रक्रिया, जिसमें मुख्य रूप से कार्बन मोनोऑक्साइड और हाइड्रोजन होते हैं। भूमिगत कोयला गैसीकरण (Underground Coal Gasification - UCG): कोयले को भूमिगत रहते हुए ही सिनगैस में बदलने की इन-सीटू प्रक्रिया। इसका उपयोग गहरे या अनुपयोगी कोयला सीम के लिए किया जाता है। सिनगैस (Syngas): सिंथेसिस गैस, एक ईंधन गैस मिश्रण जिसमें मुख्य रूप से हाइड्रोजन (H2), कार्बन मोनोऑक्साइड (CO), और कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) होते हैं। फीडस्टॉक (Feedstock): औद्योगिक प्रक्रिया में प्रयुक्त कच्चा माल। हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था (Hydrogen Economy): एक ऐसी अर्थव्यवस्था जहाँ हाइड्रोजन को प्राथमिक ऊर्जा वाहक के रूप में उपयोग किया जाता है। इसे जीवाश्म ईंधन का एक स्वच्छ ईंधन विकल्प माना जाता है। विकसित (Viksit): 'विकसित' या 'विकसित देश' का अर्थ। लिग्नाइट (Lignite): एक नरम, भूरा, दहनशील अवसादी चट्टान जो स्वाभाविक रूप से संचित कार्बोनेसियस सामग्री से बनती है; यह कोयले का निम्नतम रैंक है।