Commodities
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30th October 2025, 11:20 AM

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कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) ने वित्तीय वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही (Q2-FY26) के लिए अपने परिचालन प्रदर्शन की घोषणा की है, जिसमें उत्पादन और बिक्री (offtake) दोनों में साल-दर-साल (YoY) गिरावट देखी गई है। उत्पादन 145 मिलियन टन (mt) रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 4% कम है, और 169 mt के लक्ष्य से कम था। कोयला बिक्री (offtake) 166 mt दर्ज की गई, जो साल-दर-साल 1% कम है, और 197 mt के लक्ष्य से चूक गया। कंपनी ने तिमाही के दौरान कम पीक मांग (peak demand) और विस्तारित मानसून के कारण कमजोर बिक्री (offtake) का आंशिक श्रेय दिया। विश्लेषकों ने इन परिणामों को दर्शाते हुए FY26, FY27 और FY28 के लिए EBITDA अनुमानों को क्रमशः 1%, 3% और 3% तक थोड़ा कम कर दिया है। प्रभाव (Impact): उत्पादन और बिक्री (offtake) के लक्ष्य चूकने से अल्पकालिक निवेशक सावधानी (investor caution) बरत सकते हैं। हालांकि, कोल इंडिया लगभग 6% की आकर्षक लाभांश उपज (dividend yield) प्रदान करता है, जो कुछ स्थिरता प्रदान कर सकता है। कंपनी की भविष्य की आय वृद्धि (earnings growth) बिक्री की मात्रा (sales volumes) बढ़ाने की क्षमता पर बहुत अधिक निर्भर करती है। आगे देखते हुए, CIL को महत्वपूर्ण बाधाओं (headwinds) का सामना करना पड़ रहा है। पीक पावर मांग (peak power demand) बढ़ने की उम्मीद है, लेकिन नवीकरणीय ऊर्जा (RE) की बढ़ती क्षमता (capacity) और कैप्टिव कोयला ब्लॉक (captive coal blocks) पर अधिक ध्यान CIL के कोयले की मांग को कम कर सकता है। इसके अलावा, उच्च स्ट्रिपिंग अनुपात (stripping ratio) और मध्य-2026 और शुरुआती 2027 में कर्मचारियों के लिए आगामी वेतन संशोधनों (wage revisions) के कारण उत्पादन लागत में अनुमानित वृद्धि से परिचालन व्यय (operational expenses) बढ़ने की उम्मीद है, जो लाभप्रदता (profitability) को प्रभावित कर सकता है। वॉल्यूम वृद्धि (Volume ramp-up) निरंतर आय वृद्धि (sustained earnings growth) के लिए एक महत्वपूर्ण कारक बनी हुई है।