सोने की कीमतों में उछाल! अमेरिकी फेड रेट कट की उम्मीदें और कमजोर रुपया रैली को बढ़ावा दे रहे हैं - आपका निवेश अपडेट
Overview
सोने की कीमतें वैश्विक स्तर पर और भारत में बढ़ रही हैं, क्रमशः $4,213/औंस और ₹1,30,350/10 ग्राम तक पहुंच गई हैं। यह रैली अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में कटौती की मजबूत उम्मीदों, कमजोर रुपये और सुरक्षित- ���ेवन (safe-haven) मांग में वृद्धि से प्रेरित है, जिससे सोना एक महत्वपूर्ण मुद्रास्फीति बचाव (inflation hedge) के रूप में स्थापित हो रहा है। विश्लेषक भविष्य की मूल्य चालों के लिए महत्वपूर्ण समर्थन और प्रतिरोध स्तरों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।
सोने की कीमतों में वैश्विक स्तर पर और भारत दोनों जगह काफी वृद्धि देखी गई है, जिसका मुख्य कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें और अन्य मैक्रोइकॉनॉमिक कारक हैं।
वैश्विक सोने की कीमतें
- स्पॉट गोल्ड 1.18% बढ़कर $4,213 प्रति औंस हो गया, जो कल की गिरावट से उबर रहा है। यह रिकवरी अमेरिकी फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) की बैठक से एक और ब्याज दर में कटौती की संभावनाओं के कारण है।
भारतीय स्वर्ण बाजार
- भारत में दिसंबर गोल्ड फ्यूचर्स मजबूत बंद हुए, ₹1,30,350 प्रति 10 ग्राम (24-कैरेट शुद्धता) पर, जो अक्टूबर के शिखर के करीब है। भारतीय बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) ने 3 दिसंबर को 10 ग्राम 999 शुद्धता के लिए ₹1,28,800 का भाव दर्ज किया था।
प्रेरक कारक
- राहुल गुप्ता, चीफ बिजनेस ऑफिसर, आशिका ग्रुप ने कहा, "MCX गोल्ड में खरीदारी की रुचि मजबूत बनी हुई है क्योंकि वैश्विक सुरक्षित-आश्रय (safe-haven) मांग बढ़ रही है." फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) द्वारा दरों में कटौती की उम्मीदें एक प्रमुख उत्प्रेरक हैं। इसके अलावा, रुपये का कमजोर होना भी भारत में सोने की कीमतों को अतिरिक्त बढ़ावा दे रहा है। केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने के भंडार में वृद्धि ने भी इसे मुद्रास्फीति से बचाव (inflation hedge) के रूप में मजबूत किया है।
विश्लेषक दृष्टिकोण
- ऑग्मोंट बुलियन ने $4,300 (₹1,32,000) और $4,345 (₹1,33,500) के लक्ष्य दिए हैं, जिसमें $4,200 (₹1,29,000) पर सपोर्ट है। जितेन त्रिवेदी, वीपी रिसर्च एनालिस्ट - कमोडिटी एंड करेंसी, एलकेपी सिक्योरिटीज ने बताया कि कॉमेक्स गोल्ड $4,200 के आसपास एक तंग दायरे में कारोबार कर रहा है। इस सप्ताह के प्रमुख ट्रिगर्स में ADP नॉन-फार्म पेरोल और कोर पीसीई प्राइस इंडेक्स शामिल हैं।
समर्थन और प्रतिरोध
- त्रिवेदी ने चेतावनी दी है कि वर्तमान जोन ओवरबॉट (overbought) है, और ₹1,27,000 की ओर रिट्रेसमेंट (retracement) की संभावना है। गुप्ता का कहना है कि यदि कीमतें ₹1,28,200 (एक महत्वपूर्ण अल्पकालिक समर्थन) से ऊपर बनी रहती हैं, तो ₹1,33,000 की ओर अपसाइड ट्रेजेक्टरी (upside trajectory) बरकरार रहेगी। ₹1,27,000 से नीचे एक निर्णायक गिरावट ₹1,24,500 की ओर एक गहरी चाल का कारण बन सकती है।
प्रभाव
- सोने की ऊंची कीमतें मुद्रास्फीति की उम्मीदों और उपभोक्ता खर्च को प्रभावित कर सकती हैं, खासकर आभूषणों पर। निवेशकों के लिए, सोना मुद्रास्फीति और मुद्रा के अवमूल्यन के खिलाफ एक बचाव (hedge) के रूप में कार्य करता है। यह ज्वैलर्स और गोल्ड माइनर्स जैसी सोने पर निर्भर कंपनियों को भी प्रभावित कर सकता है।

