Chemicals
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Updated on 13th November 2025, 3:51 PM
Reviewed By
Akshat Lakshkar | Whalesbook News Team
भारतीय सरकार ने महत्वपूर्ण रसायनों, पॉलिमर और फाइबर-आधारित सामग्रियों के लिए 14 ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर्स (QCOs) को वापस ले लिया है। इस कदम का उद्देश्य औद्योगिक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना, नियामक बोझ को कम करना, MSMEs के लिए इनपुट लागत घटाना और आयात व विनिर्माण प्रक्रियाओं को सरल बनाना है।
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भारतीय सरकार ने ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) द्वारा अनिवार्य 14 क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर्स (QCOs) को तत्काल वापस लेने की घोषणा की है। ये QCOs टेरेफ्थेलिक एसिड, एथिलीन ग्लाइकॉल, पॉलिएस्टर यार्न और फाइबर, पॉलीप्रोपाइलीन, पॉलीथीन, पॉलीविनाइल क्लोराइड (PVC), एक्रिलोनाइट्राइल ब्यूटाडीन स्टाइरीन (ABS), और पॉलीकार्बोनेट सहित महत्वपूर्ण कच्चे माल पर लागू थे। यह महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव भारत में औद्योगिक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने और व्यापार करने में आसानी को सुव्यवस्थित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने कहा कि इस निर्णय से रसायन, प्लास्टिक और कपड़ा क्षेत्रों को काफी राहत मिलेगी। इससे कच्चे माल की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित होगी, आयात प्रतिबंध कम होंगे, और परिणामस्वरूप पैकेजिंग, कपड़ा और मोल्डिंग में शामिल सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के लिए उत्पादन व्यय में कमी आएगी। अनिवार्य BIS प्रमाणन की आवश्यकता को हटाकर, सरकार ने अनुपालन को सरल बनाया है, अनावश्यक परीक्षणों को समाप्त किया है, और घरेलू उत्पादकों और आयातकों दोनों के लिए अनुमोदन समय-सीमा को तेज किया है।
प्रभाव इस खबर से विनिर्माण क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है, जिससे इन सामग्रियों से बने सामानों की उपभोक्ता कीमतें कम हो सकती हैं और निर्यात बढ़ सकता है। यह उन कंपनियों की लाभप्रदता को भी बढ़ावा दे सकता है जो इन कच्चे माल पर निर्भर हैं। रेटिंग: 7/10।
कठिन शब्द: Bureau of Indian Standards (BIS): भारत का राष्ट्रीय मानक निकाय जो वस्तुओं के मानकीकरण, अंकन और गुणवत्ता प्रमाणन की गतिविधियों के सामंजस्यपूर्ण विकास के लिए जिम्मेदार है। Quality Control Orders (QCOs): सरकारी नियम जो बाजार में बेचे जाने से पहले कुछ उत्पादों के लिए विशिष्ट गुणवत्ता मानकों और प्रमाणन को अनिवार्य करते हैं। MSMEs: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, जो अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण छोटे और मध्यम आकार के व्यवसाय हैं। Terephthalic Acid: एक प्रमुख रासायनिक यौगिक जिसका उपयोग मुख्य रूप से पॉलिएस्टर फाइबर और फिल्मों के उत्पादन में होता है। Ethylene Glycol: एक कार्बनिक यौगिक जिसका उपयोग एंटीफ्रीज और पॉलिएस्टर के अग्रदूत के रूप में होता है। Polyester Yarns and Fibres: पॉलिएस्टर से बने सिंथेटिक धागे और फाइबर, जो वस्त्रों में व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं। Polypropylene: एक बहुमुखी प्लास्टिक जिसका उपयोग पैकेजिंग, वस्त्र, ऑटोमोटिव पार्ट्स और बहुत कुछ में होता है। Polyethylene: एक सामान्य प्लास्टिक जिसका उपयोग प्लास्टिक बैग से लेकर कंटेनरों तक, उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला में होता है। Polyvinyl Chloride (PVC): पाइप, खिड़की के फ्रेम, फर्श और केबल के लिए व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली प्लास्टिक सामग्री। Acrylonitrile Butadiene Styrene (ABS): एक थर्मोप्लास्टिक पॉलीमर जो अपनी मजबूती और प्रभाव प्रतिरोध के लिए जाना जाता है, जिसका उपयोग ऑटोमोटिव पार्ट्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और खिलौनों में होता है। Polycarbonate: एक पारदर्शी, मजबूत प्लास्टिक सामग्री जिसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक्स, निर्माण और ऑटोमोटिव अनुप्रयोगों में होता है।