Chemicals
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Updated on 06 Nov 2025, 02:01 pm
Reviewed By
Abhay Singh | Whalesbook News Team
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प्रदीप फॉस्फेट्स लिमिटेड ने 30 सितंबर को समाप्त तिमाही के लिए एक मजबूत वित्तीय प्रदर्शन की रिपोर्ट दी है, जिसमें उसका समेकित शुद्ध लाभ (consolidated net profit) 34% बढ़कर ₹341.94 करोड़ हो गया, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह ₹255.33 करोड़ था। इस वृद्धि का मुख्य कारण राजस्व (revenue) में 49% की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि थी, जो ₹4,619 करोड़ से बढ़कर ₹6,872 करोड़ हो गया। इस राजस्व वृद्धि का श्रेय उच्च बिक्री मात्रा (sales volumes) को दिया गया, जिसका आंशिक कारण मैंगलोर केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स के साथ विलय (merger) और बेहतर उत्पाद मूल्य (product realisations) था। राजस्व वृद्धि के बावजूद, कंपनी का EBITDA मार्जिन पिछले वर्ष की तुलना में 10.98% से थोड़ा घटकर 9.55% हो गया, जिसे कंपनी ने कच्चे माल और वित्त लागतों में वृद्धि के कारण बताया। फिर भी, EBITDA स्वयं 29.4% बढ़कर ₹656.48 करोड़ हो गया। कर-पूर्व लाभ (Profit Before Tax - PBT) में भी स्वस्थ वृद्धि देखी गई, जो पिछले वर्ष के ₹336.5 करोड़ की तुलना में ₹468.5 करोड़ रहा। अपनी परिचालन क्षमता को मजबूत करने के लिए एक रणनीतिक कदम उठाते हुए, प्रदीप फॉस्फेट्स के निदेशक मंडल (board) ने एक महत्वपूर्ण निवेश योजना को मंजूरी दी है। इसमें प्रदीप साइट पर ₹2,450 करोड़ का एक नया एकीकृत ग्रैनुलेशन प्लांट और मैंगलोर में ₹1,150 करोड़ का फास्फोरिक और सल्फ्यूरिक एसिड प्लांट शामिल है। इन निवेशों का उद्देश्य बैकवर्ड इंटीग्रेशन को मजबूत करना और प्रमुख कच्चे माल के आयात पर निर्भरता को काफी कम करना है। कंपनी के बोर्ड में कुछ प्रमुख नियुक्तियाँ भी देखी गईं, जिसमें अक्षय पोद्दार को उपाध्यक्ष (Vice Chairman) नियुक्त किया गया और संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारत की पूर्व स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने स्वतंत्र निदेशक (Independent Director) के रूप में पदभार ग्रहण किया।