Brokerage Reports
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Updated on 10 Nov 2025, 06:49 am
Reviewed By
Satyam Jha | Whalesbook News Team
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आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने व्हर्लपूल ऑफ इंडिया के लिए एक चुनौतीपूर्ण तिमाही का विवरण देते हुए एक रिसर्च रिपोर्ट प्रकाशित की है। कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में पिछले साल की तुलना में 3.8% की गिरावट दर्ज की। इस गिरावट का श्रेय पिछले साल के उच्च आधार (high base) की तुलना, चैनल में रेफ्रिजरेटर और रूम एयर कंडीशनर (RACs) की बढ़ी हुई इन्वेंट्री स्तर, और गर्मियों के उत्पादों की मांग में नरमी को दिया गया है। प्रदर्शन को प्रभावित करने वाला एक महत्वपूर्ण कारक माल और सेवा कर (GST) की घोषणा और कार्यान्वयन के बीच 5-सप्ताह का अंतर था, जिसने Q2 FY26 के संचालन को प्रभावित किया। इसके अतिरिक्त, अतिरिक्त इन्वेंट्री को निकालने में चैनल पार्टनर्स की मदद करने के लिए बढ़े हुए वित्तीय समर्थन और नकारात्मक ऑपरेटिंग लीवरेज (negative operating leverage) के कारण लाभ मार्जिन पर दबाव पड़ा है। कंपनी ने 30 साल का ब्रांड और प्रौद्योगिकी लाइसेंस समझौता (brand and technology license agreement) किया है। जबकि यह दीर्घकालिक ब्रांड अधिकारों को सुरक्षित करता है, इससे भविष्य में उच्च रॉयल्टी भुगतान हो सकते हैं। निवेशकों की चिंताओं को बढ़ाते हुए, पेरेंट कंपनी व्हर्लपूल ऑफ इंडिया में अपनी हिस्सेदारी को घटाकर 20% करना चाहती है, जिसका एक सौदा दिसंबर 2025 तक अपेक्षित है। यह नियोजित स्टेक बिक्री कंपनी के वैल्यूएशन पर छाया डालती रहती है। आउटलुक: आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का अनुमान है कि व्हर्लपूल इंडिया वित्तीय वर्ष 2025 और 2028 के बीच 9.1% रेवेन्यू सीएजीआर (CAGR) और 12.7% पीएटी सीएजीआर (PAT CAGR) हासिल करेगा। इन विकास अनुमानों के बावजूद, ब्रोकरेज ने अपनी 'SELL' सिफारिश को बनाए रखा है, और डिस्काउंटेड कैश फ्लो (DCF) आधारित लक्ष्य मूल्य INR 1,100 पर अपरिवर्तित रखा है। यह लक्ष्य मूल्य अनुमानित FY28 अर्निंग्स पर शेयर (EPS) के 28 गुना प्राइस-टू-अर्निंग्स (P/E) मल्टीपल का संकेत देता है। प्रभाव: इस खबर का व्हर्लपूल ऑफ इंडिया के स्टॉक मूल्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है। कमजोर तिमाही नतीजों, लगातार इन्वेंट्री मुद्दों, रॉयल्टी भुगतान में संभावित वृद्धि, और पेरेंट कंपनी द्वारा स्टेक बिक्री की प्रत्याशा का संयोजन एक मंदी का दृष्टिकोण (bearish outlook) बनाता है। निवेशक शेयरों को बेचने और आगे की कीमतों में गिरावट की उम्मीद कर सकते हैं। एक प्रमुख ब्रोकरेज फर्म द्वारा स्पष्ट 'SELL' रेटिंग इस भावना को और मजबूत करती है।