मॉर्गन स्टैनले ने 2026 के इमर्जिंग मार्केट्स इक्विटी आउटलुक में भारत के लिए अपने 'ओवरवेट' (बढ़त) रुख को दोहराया है, स्थिर घरेलू संकेतकों का ज़िक्र करते हुए। ब्रोकरेज ने तीन मुख्य कारण बताए हैं: उच्च-आवृत्ति वाले आर्थिक डेटा में शुरुआती सुधार, अमेरिका पर भारत की कम राजस्व निर्भरता (अन्य एशियाई बाजारों की तुलना में), और मजबूत घरेलू मांग जो वैश्विक मंदी के बीच कमाई को सहारा दे सकती है। रिपोर्ट यह भी कहती है कि भारत का मौजूदा वैल्यूएशन उसकी लाभप्रदता के अनुरूप है, जो इसे क्षेत्रीय प्रतिस्पर्धियों के बीच एक आकर्षक विकल्प बनाता है।
मॉर्गन स्टैनले ने 2026 के लिए इमर्जिंग मार्केट्स (EMs) के प्रति सतर्क दृष्टिकोण व्यक्त किया है, मजबूत अमेरिकी डॉलर और तंग वित्तीय स्थितियों से प्रेरित संभावित मंदी का अनुमान लगाते हुए। हालांकि, फर्म ने भारत के लिए अपनी 'ओवरवेट' सिफारिश बनाए रखी है, जिसमें 75 आधार अंक (basis point) का महत्वपूर्ण सक्रिय रुख आवंटित किया गया है। यह सकारात्मक दृष्टिकोण तीन प्राथमिक कारकों पर आधारित है।
पहला, ब्रोकरेज ने उच्च-आवृत्ति वाले आर्थिक संकेतकों में सुधार के शुरुआती संकेत देखे, जो आर्थिक गतिविधि में तेज़ी का सुझाव देते हैं। दूसरा, ताइवान, दक्षिण कोरिया और जापान जैसे प्रमुख एशियाई बाजारों की तुलना में संयुक्त राज्य अमेरिका पर भारत की राजस्व निर्भरता काफी कम है। यह भारत को अमेरिकी आर्थिक चक्र में संभावित कमजोरियों का बेहतर ढंग से सामना करने की स्थिति में रखता है, जिससे यह कम जोखिम वाली श्रेणी में आता है।
तीसरा, भारत की घरेलू मांग इतनी स्थिर देखी गई है कि बाहरी आर्थिक स्थितियाँ नरम पड़ने पर भी कॉर्पोरेट आय को बनाए रख सके। यह आंतरिक शक्ति महत्वपूर्ण है, खासकर जब अन्य उभरते बाजारों से सेमीकंडक्टर-संचालित विकास चक्रों पर अधिक निर्भर रहने की उम्मीद है।
मूल्यांकन (valuations) के संबंध में, मॉर्गन स्टैनले का विश्लेषण इंगित करता है कि भारत का मूल्य-से-पुस्तक अनुपात (price-to-book ratio) उसके इक्विटी पर रिटर्न (return on equity) के अनुरूप है, जो बताता है कि अन्य क्षेत्रीय बाजारों की तुलना में इसका मूल्यांकन प्रीमियम इसकी लाभप्रदता द्वारा उचित है। हालांकि इसे कम मूल्यांकित नहीं माना जाता है, फिर भी मूल्य निर्धारण के तनाव का सामना कर रहे साथियों की तुलना में भारत का मूल्यांकन उचित प्रतीत होता है।
रिपोर्ट ने अपनी फोकस सूचियों में तीन भारतीय कंपनियों को भी उजागर किया: बजाज फाइनेंस (18.1% संभावित अपसाइड के साथ), आईसीआईसीआई बैंक (32.5% संभावित अपसाइड के साथ), और रिलायंस इंडस्ट्रीज (13% संभावित अपसाइड के साथ), जो वित्तीय और विविध ऊर्जा क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करता है।
प्रभाव: इस खबर का भारतीय शेयर बाजार पर महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। मॉर्गन स्टैनले जैसे प्रमुख वैश्विक ब्रोकरेज का सकारात्मक दृष्टिकोण विदेशी निवेश आकर्षित कर सकता है और निवेशकों का विश्वास बढ़ा सकता है, जिससे संभावित रूप से शेयर की कीमतों और बाजार सूचकांकों में वृद्धि हो सकती है।