Brokerage Reports
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Updated on 14th November 2025, 8:34 AM
Author
Satyam Jha | Whalesbook News Team
प्रभादास लिलाधर ने त्रिवेणी टर्बाइन को 'BUY' से 'Accumulate' में डाउनग्रेड किया है। इसका कारण डिस्पेच में देरी और टैरिफ की अनिश्चितताओं जैसी परिचालन संबंधी चुनौतियां हैं, जिनके कारण EPS अनुमानों में कमी आई है। प्राइस टारगेट को 650 रुपये से घटाकर 609 रुपये कर दिया गया है। Q2FY26 राजस्व साल-दर-साल सपाट रहा, लेकिन EBITDA मार्जिन में मामूली सुधार हुआ। घरेलू राजस्व में गिरावट आई, लेकिन घरेलू ऑर्डर इनफ्लो में वृद्धि हुई, जबकि निर्यात राजस्व बढ़ा लेकिन निर्यात ऑर्डर इनफ्लो में गिरावट आई।
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प्रभादास लिलाधर ने त्रिवेणी टर्बाइन के अपने रेटिंग को 'BUY' से 'Accumulate' में डाउनग्रेड कर दिया है और इसके प्राइस टारगेट को 650 रुपये से घटाकर 609 रुपये कर दिया है। ब्रोकरेज फर्म ने FY27 और FY28 के लिए अपने प्रति शेयर आय (EPS) अनुमानों को क्रमशः 7.4% और 8.3% तक कम कर दिया है, जिसमें डिस्पेच में देरी और धीमे ऑर्डर रूपांतरण को शामिल किया गया है, जो टैरिफ-संबंधी अनिश्चितताओं से और बढ़ गया है। वित्तीय वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही (Q2FY26) में, त्रिवेणी टर्बाइन ने साल-दर-साल (YoY) लगभग सपाट राजस्व दर्ज किया। हालांकि, इसके EBITDA मार्जिन में मामूली सुधार हुआ, जो 41 आधार अंक बढ़कर 22.6% हो गया। सेगमेंट-वार, पिछले वर्ष के कम ऑर्डर बैकलॉग के कारण घरेलू राजस्व में साल-दर-साल लगभग 20% की गिरावट आई। इसके बावजूद, स्टील, सीमेंट, इंफ्रास्ट्रक्चर, एपीआई (API), और यूटिलिटी टर्बाइन क्षेत्रों में मजबूत मांग के कारण घरेलू ऑर्डर इनफ्लो में साल-दर-साल 51.7% की जबरदस्त वृद्धि देखी गई। यूरोप और मध्य पूर्व में मजबूत मांग के समर्थन से निर्यात राजस्व में साल-दर-साल लगभग 27% की वृद्धि हुई। इसके विपरीत, टैरिफ-संबंधी देरी और संयुक्त राज्य अमेरिका में सुस्त बाजार के कारण निर्यात ऑर्डर इनफ्लो में साल-दर-साल लगभग 19% की गिरावट आई। अमेरिका में नवीनीकरण (refurbishment) खंड सकारात्मक गति दिखा रहा है और यह निकट-अवधि की वृद्धि का समर्थन करने की उम्मीद है। आउटलुक और मूल्यांकन: स्टॉक वर्तमान में FY27E और FY28E EPS पर क्रमशः 36.1x और 32.0x के P/E अनुपात पर कारोबार कर रहा है। प्रभादास लिलाधर अपने मूल्यांकन को Sep’27E तक आगे बढ़ा रहा है, जिसमें 38x का P/E (पहले 40x Mar’27E था)। यह डाउनग्रेड इस चिंता को दर्शाता है कि धीमा ऑर्डर फाइनलाइजेशन, डिस्पेच में देरी और कमजोर निर्यात प्रदर्शन पर असर डाल सकते हैं। प्रभाव: इस खबर से अल्पावधि में त्रिवेणी टर्बाइन के शेयर की कीमत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है, जिससे निवेशकों में सावधानी आ सकती है। यह समान बाजार या नियामक बाधाओं का सामना कर रही औद्योगिक टर्बाइन निर्माण क्षेत्र की अन्य कंपनियों की भावना को भी प्रभावित कर सकता है।