Brokerage Reports
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Updated on 12 Nov 2025, 08:49 am
Reviewed By
Akshat Lakshkar | Whalesbook News Team

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कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट है कि कॉर्पोरेट इंडिया का Q2 प्रदर्शन, विभिन्न क्षेत्रों में मिला-जुला होने के बावजूद, कुछ चुनिंदा क्षेत्रों में कमाई की गति में सुधार के साथ एक महत्वपूर्ण मोड़ का संकेत दे सकता है। ब्रोकरेज को उम्मीद है कि निफ्टी 50 कंपनियों का शुद्ध लाभ FY26 में 10% और FY27 में 17% बढ़ेगा, और Q2 परिणामों के मौसम के बाद भी ये अनुमान काफी हद तक अपरिवर्तित रहेंगे। यह दृष्टिकोण HDFC बैंक, ICICI बैंक और Reliance Industries जैसी प्रमुख कंपनियों के मजबूत प्रदर्शन से मजबूत होता है। कंपनियों ने आम तौर पर एक तटस्थ से आशावादी दृष्टिकोण बनाए रखा है, जिसमें FY27 की कमाई अधिक व्यापक होने की उम्मीद है।
उपभोक्ता क्षेत्र ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) संक्रमण के कारण कुछ पीड़ा का अनुभव किया, जबकि Q3FY26 में मांग में सुधार और चैनल रीस्टॉकिंग से बिक्री की मात्रा बढ़ने की उम्मीद है। GST कटौती के कारण बिक्री में होने वाली अपेक्षित वृद्धि Q2 में नहीं देखी गई, लेकिन यह अक्टूबर 2025 से दिखाई देने लगी है।
कोटक IT सेवा कंपनियों पर सतर्क बना हुआ है, क्योंकि मौजूदा व्यापक आर्थिक चुनौतियाँ (macroeconomic headwinds) और प्रौद्योगिकी व्यवधान के जोखिम बने हुए हैं। अपने मॉडल पोर्टफोलियो में, ब्रोकरेज ने रिलायंस इंडस्ट्रीज का वेटेज 100 आधार अंकों (basis points) से बढ़ाकर 9.9% कर दिया है, इसके रिफाइनिंग, डिजिटल और खुदरा (retail) सेगमेंट में मजबूत प्रदर्शन की उम्मीद जताई है, और 12 महीने का उचित मूल्य (fair value) 1,600 रुपये निर्धारित किया है। लार्सन एंड टुब्रो का वेटेज 70 आधार अंकों से बढ़ाकर 2.7% कर दिया गया है, भारत और मध्य पूर्व में मजबूत प्रोजेक्ट पाइपलाइन से निरंतर मजबूती की उम्मीद के साथ, जिसका मूल्यांकन 4,200 रुपये है। हालिया उत्कृष्ट प्रदर्शन (outperformance) और सीमित संभावित वृद्धि (limited upside) के कारण हिंडालको को पोर्टफोलियो से हटा दिया गया है।
प्रभाव: यह विश्लेषण कॉर्पोरेट आय, क्षेत्र के रुझानों और निवेश रणनीतियों में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान करता है, जो सीधे निवेशक भावना और स्टॉक मूल्यांकन को प्रभावित करता है। प्रमुख समूहों (conglomerates) और बुनियादी ढांचा (infrastructure) कंपनियों पर सकारात्मक दृष्टिकोण संभावित बाजार में तेजी का संकेत देता है, जबकि IT क्षेत्रों पर सावधानी विशिष्ट जोखिमों को उजागर करती है। रेटिंग: 8/10
शर्तें और अर्थ: FY26E/FY27E: ये वित्तीय वर्ष 2026 और 2027 को संदर्भित करते हैं, जहाँ 'E' का अर्थ 'अनुमान' (Estimates) या 'अपेक्षित' (Expected) अनुमान है। आधार अंक (bps): वित्त में प्रतिशत में छोटे बदलावों का वर्णन करने के लिए उपयोग की जाने वाली माप की एक इकाई। एक आधार अंक 0.01% के बराबर होता है। पोर्टफोलियो: किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा रखे गए वित्तीय निवेशों का संग्रह। रिफाइनिंग सेगमेंट: कच्चे तेल को परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पादों में संसाधित करता है। डिजिटल सेगमेंट: दूरसंचार (telecom) और डिजिटल सेवाओं के व्यवसायों को संदर्भित करता है। खुदरा सेगमेंट: सुपरमार्केट, इलेक्ट्रॉनिक्स और फैशन रिटेल संचालन को शामिल करता है। IT सेवाएँ: प्रौद्योगिकी-संबंधित सेवाएँ प्रदान करने वाली कंपनियाँ। व्यापक आर्थिक चुनौतियाँ (Macroeconomic Headwinds): बड़े पैमाने की प्रतिकूल आर्थिक स्थितियाँ जैसे मुद्रास्फीति (inflation) या मंदी (slowdowns) जो विकास को बाधित करती हैं। प्रौद्योगिकी व्यवधान जोखिम (Technology Disruption Risks): नई प्रौद्योगिकियों के कारण मौजूदा व्यावसायिक मॉडल अप्रचलित (obsolete) होने की संभावना। GST: वस्तु एवं सेवा कर, भारत में एक अप्रत्यक्ष कर। चैनल रीस्टॉकिंग: खुदरा विक्रेताओं द्वारा अपने इन्वेंट्री स्तरों को फिर से भरना।