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सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एकीकरण के अगले चरण की शुरुआत की, वित्त मंत्री ने पुष्टि की

Banking/Finance

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Updated on 06 Nov 2025, 10:44 am

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Reviewed By

Akshat Lakshkar | Whalesbook News Team

Short Description:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है कि भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) को मजबूत करने के अगले चरण पर काम शुरू हो गया है। इसका उद्देश्य बड़े, विश्व स्तरीय बैंक बनाना है जो राष्ट्र की बढ़ती अर्थव्यवस्था का समर्थन कर सकें। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और बैंकों के साथ चर्चाएं चल रही हैं, जिनका ध्यान केवल विलय से परे संस्थागत क्षमता विकसित करने पर है। यह कदम 2020 के महत्वपूर्ण विलय के बाद आया है और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच ऋण प्रवाह को मजबूत करना चाहता है।
सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एकीकरण के अगले चरण की शुरुआत की, वित्त मंत्री ने पुष्टि की

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Detailed Coverage:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को घोषणा की कि सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) के एकीकरण के अगले चरण का काम शुरू कर दिया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत को "बड़े, विश्व स्तरीय बैंकों" ("big, world-class banks") को विकसित करने की महत्वपूर्ण आवश्यकता है ताकि वे अपनी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का पर्याप्त समर्थन कर सकें।

मंत्री ने कहा कि बड़े वित्तीय संस्थान बनाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और स्वयं बैंकों के साथ सक्रिय रूप से चर्चाएं चल रही हैं। उन्होंने संकेत दिया कि रणनीति केवल विलय (amalgamation) से आगे बढ़कर मजबूत संस्थागत और नियामक ढाँचे (regulatory frameworks) बनाने की होगी, जो बैंकों को बड़े पैमाने पर प्रभावी ढंग से संचालित करने और विकसित होने में सक्षम बनाएगा।

यह पुष्टि 2020 में हुए बड़े PSB एकीकरण अभ्यास के बाद से सरकार का पहला स्पष्ट बयान है, जिसमें दस सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को चार बड़े संस्थानों में मिला दिया गया था।

इसके अलावा, सीतारमण ने इस बात पर प्रकाश डाला कि बैंकों के लिए ऋण प्रवाह (credit flows) को गहरा और व्यापक बनाना अनिवार्य है, खासकर वर्तमान वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में जो अस्थिरता और अनिश्चितता से ग्रस्त है। राजकोषीय अनुशासन (fiscal discipline) के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, उन्होंने आश्वासन दिया कि विकास के लक्ष्यों के साथ-साथ राजकोषीय संतुलन (fiscal balance) बनाए रखा जाएगा।

प्रभाव: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एकीकरण की ओर यह रणनीतिक कदम मजबूत, अधिक कुशल वित्तीय संस्थानों का निर्माण करेगा ऐसी उम्मीद है। बड़े बैंक झटकों को बेहतर ढंग से झेल सकते हैं, सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला की पेशकश कर सकते हैं, और बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचा और औद्योगिक परियोजनाओं को वित्तपोषित करने में अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। जैसे-जैसे ये सुधार आगे बढ़ेंगे, बैंकिंग क्षेत्र के प्रति निवेशकों की भावना में सकारात्मक बदलाव देखा जा सकता है। रेटिंग: 8/10।

कठिन शब्द: Public Sector Bank (PSB): एक बैंक जिसमें अधिकांश शेयरधारिता भारत सरकार के पास होती है। Consolidation: दो या दो से अधिक संस्थाओं को एक एकल, बड़ी इकाई में मिलाने की प्रक्रिया, अक्सर विलय के माध्यम से। Reserve Bank of India (RBI): भारत का केंद्रीय बैंक, जो देश की मुद्रा, मौद्रिक नीति और बैंकिंग प्रणाली को विनियमित करने के लिए जिम्मेदार है। Amalgamation: एक प्रकार का विलय जिसमें दो या दो से अधिक कंपनियां मिलकर एक नई, एकल कंपनी बनाती हैं। Credit Flow: धन का ऋणदाताओं (जैसे बैंक) से उधारकर्ताओं (व्यक्ति, व्यवसाय) तक अर्थव्यवस्था के भीतर प्रवाह की प्रक्रिया। Fiscal Discipline: अत्यधिक घाटे से बचने के लिए सरकारी राजस्व और व्यय का विवेकपूर्ण प्रबंधन। Fiscal Balance: एक ऐसी स्थिति जहाँ सरकारी राजस्व सरकारी व्यय के बराबर होता है। Global Headwinds: बाहरी आर्थिक या राजनीतिक कारक जो चुनौतियाँ पैदा करते हैं या आर्थिक विकास को बाधित करते हैं।


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