Banking/Finance
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Updated on 06 Nov 2025, 08:17 am
Reviewed By
Simar Singh | Whalesbook News Team
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व्यक्तिगत ऋण (Personal loans) व्यक्तियों के लिए विभिन्न खर्चों जैसे चिकित्सा आपात स्थिति, शादियों, यात्रा या ऋण समेकन (debt consolidation) को कवर करने के लिए एक सामान्य वित्तीय साधन हैं। हालांकि, इन ऋणों की लागत विभिन्न वित्तीय संस्थानों में काफी भिन्न होती है। वार्षिक ब्याज दर में मामूली अंतर भी ऋण की अवधि में एक महत्वपूर्ण राशि हो सकती है। चूंकि व्यक्तिगत ऋण असुरक्षित (unsecured) होते हैं, जिसका अर्थ है कि उन्हें किसी संपार्श्विक (collateral) की आवश्यकता नहीं होती है, इसलिए वे आम तौर पर गृह या कार ऋण जैसे सुरक्षित ऋणों की तुलना में अधिक ब्याज दरें लेते हैं। आम तौर पर, बैंक व्यक्तिगत ऋणों के लिए 12% से 18% तक ब्याज दरें वसूलते हैं, जिसमें सटीक दर उधारकर्ता के क्रेडिट स्कोर पर अत्यधिक निर्भर करती है।
यहां कुछ प्रमुख भारतीय बैंकों पर एक नज़र डाली गई है:
* **भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India)**: 10.05% से 15.05% तक की दरें, 1,000 रुपये से 15,000 रुपये तक प्रोसेसिंग शुल्क। * **आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank)**: 10.45% से 16.50% तक, 2% तक प्रोसेसिंग शुल्क प्लस जीएसटी। * **एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank)**: दरें 9.99% से शुरू होकर 24% तक, 6,500 रुपये प्लस जीएसटी का निश्चित प्रोसेसिंग शुल्क। * **कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank)**: दरें 9.98% से शुरू, लेकिन प्रोसेसिंग शुल्क ऋण राशि का 5% तक हो सकता है। * **यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India)**: 10.75% से 14.45% तक की दरें। * **केनरा बैंक (Canara Bank)**: फिक्स्ड दरें (14.50-16%) और आरएलएलआर (RLLR) से जुड़ी फ्लोटिंग दरें (13.75-15.25%) प्रदान करता है। * **बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda)**: दरें 10.4% से 15.75% के बीच, जो रोजगार क्षेत्र और क्रेडिट स्कोर से प्रभावित होती हैं।
प्रभाव यह खबर उपभोक्ताओं के लिए कर्ज लेने के निर्णय लेने में महत्वपूर्ण है और खुदरा ऋण क्षेत्र में बैंकों के बीच प्रतिस्पर्धा को उजागर करती है। यह उपभोक्ता व्यवहार और बैंक की रणनीतियों को प्रभावित कर सकती है, जिससे यह मध्यम रूप से प्रभावशाली है। रेटिंग: 7/10
कठिन शब्दों की व्याख्या: * **संपार्श्विक (Collateral)**: ऋण की सुरक्षा के रूप में उधारकर्ता द्वारा ऋणदाता को गिरवी रखी गई संपत्ति। यदि उधारकर्ता चूक करता है, तो ऋणदाता संपार्श्विक को जब्त कर सकता है। * **क्रेडिट स्कोर (Credit Score)**: क्रेडिट इतिहास के आधार पर, व्यक्ति की साख (creditworthiness) का एक संख्यात्मक प्रतिनिधित्व। उच्च स्कोर ऋणदाताओं के लिए कम जोखिम का संकेत देता है। * **जीएसटी (GST)**: माल और सेवा कर, भारत में वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाने वाला एक उपभोग कर। * **आरएलएलआर (RLLR - Repo Linked Lending Rate)**: बैंकों द्वारा निर्धारित एक बेंचमार्क ब्याज दर, जो भारतीय रिजर्व बैंक की नीति रेपो दर से जुड़ी होती है। रेपो दर में परिवर्तन सीधे आरएलएलआर को प्रभावित करते हैं।