Banking/Finance
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Updated on 06 Nov 2025, 02:53 am
Reviewed By
Abhay Singh | Whalesbook News Team
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कॉर्पोरेट एक्शन के कारण आरबीएल बैंक के शेयर निवेशकों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। महिंद्रा एंड महिंद्रा कथित तौर पर ब्लॉक डील के जरिए बैंक में अपनी पूरी 3.45% हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रहा है, जिसका लक्ष्य लगभग ₹682 करोड़ जुटाना है। इस सौदे के लिए फ्लोर प्राइस ₹317 प्रति शेयर तय किया गया है। यह बिक्री जुलाई 2023 में ₹197 प्रति शेयर पर किए गए महिंद्रा एंड महिंद्रा के ₹417 करोड़ के शुरुआती निवेश पर लगभग 64% का लाभ दर्शाएगी। इससे पहले, महिंद्रा एंड महिंद्रा के प्रबंध निदेशक ने संकेत दिया था कि जब तक कोई आकर्षक निवेश अवसर न मिले, वे हिस्सेदारी और नहीं बढ़ाएंगे, और शुरुआती योजना 9.9% हिस्सेदारी तक सीमित रखने की थी।
साथ ही, एक बहुत बड़ा डेवलपमेंट हो रहा है: एमिरेट्स एनबीडी बैंक तरजीही इक्विटी जारी करने के माध्यम से आरबीएल बैंक में 60% नियंत्रक हिस्सेदारी हासिल करने के लिए ₹26,853 करोड़ (लगभग $3 बिलियन) तक का निवेश करने की योजना बना रहा है। यह निवेश ₹280 प्रति शेयर पर होगा, जिसे आरबीएल बैंक के बोर्ड ने पिछले महीने पहले ही मंजूरी दे दी थी। आरबीएल बैंक के स्टॉक ने हाल ही में मजबूत प्रदर्शन दिखाया है, जो साल-दर-तारीख (year-to-date) 104% से अधिक बढ़ गया है।
प्रभाव: इस खबर का आरबीएल बैंक के लिए महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। महिंद्रा एंड महिंद्रा द्वारा हिस्सेदारी की बिक्री से कुछ अल्पकालिक बिकवाली का दबाव आ सकता है, हालांकि यह एक लाभदायक निकास सुनिश्चित करेगी। हालांकि, एमिरेट्स एनबीडी बैंक का बड़ा निवेश एक प्रमुख रणनीतिक विकास है जो आरबीएल बैंक की पूंजी को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा सकता है, उसकी बाजार स्थिति को मजबूत कर सकता है, और भविष्य के विकास को गति दे सकता है। नियामक अनुमोदन लंबित होने पर, इस बड़े पैमाने पर विदेशी निवेश से निवेशकों की भावना पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है। एमिरेट्स एनबीडी के प्रस्तावित निवेश का पैमाना आरबीएल बैंक की भविष्य की संभावनाओं में मजबूत विश्वास दर्शाता है। रेटिंग: 8/10
कठिन शब्द: ब्लॉक डील (Block Deal): सिक्योरिटीज का एक बड़ा लेन-देन जो दो पक्षों, अक्सर संस्थागत निवेशकों, के बीच निजी तौर पर बातचीत करके तय किया जाता है और एक निश्चित मूल्य पर एक्सचेंज पर निष्पादित होता है। तरजीही इक्विटी जारी करना (Preferential Equity Issuance): एक विधि जिसके द्वारा एक कंपनी चुनिंदा निवेशकों के समूह को (जनता को नहीं) पूर्व-निर्धारित मूल्य पर नए शेयर जारी करती है, अक्सर पूंजी जुटाने के लिए। अल्पसंख्यक हिस्सेदारी (Minority Stake): कंपनी के वोटिंग शेयरों के 50% से कम का स्वामित्व, जिसका अर्थ है कि धारक के पास कंपनी के निर्णयों पर नियंत्रण नहीं होता है।