Banking/Finance
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Updated on 12 Nov 2025, 03:27 am
Reviewed By
Satyam Jha | Whalesbook News Team

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एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज के मैनेजिंग डायरेक्टर, कृष्णा कुमार कारवा, ने भारतीय ब्रोकरेज और शेयर बाज़ार के भविष्य पर अंतर्दृष्टि (insights) साझा की। उनका मानना है कि ब्रोकरेज फर्मों के लिए अगला महत्वपूर्ण विकास चरण सलाहकार-संचालित, मूल्य-वर्धित सेवाओं (value-added services) से आएगा, जिसमें व्यापक धन समाधान (comprehensive wealth solutions) शामिल हैं। ये पेशकशें आवर्ती (recurring) और बाज़ार-अज्ञेय (market-agnostic) राजस्व धाराएं (revenue streams) बनाने के लिए डिज़ाइन की गई हैं, जिससे राजस्व की गुणवत्ता में सुधार होगा और ग्राहक निष्ठा (customer loyalty) बढ़ेगी।
बाज़ार के प्रदर्शन के संबंध में, कारवा ने कहा कि पिछले 12 महीनों में भारतीय इक्विटी ने प्रमुख उभरते बाज़ार सूचकांकों (emerging market indices) को अंडरपरफॉर्म किया है, लेकिन लंबी अवधि का दृष्टिकोण मेक्सिको, ब्राज़ील, इंडोनेशिया और फिलीपींस जैसे बाज़ारों के तुलनीय प्रदर्शन को दर्शाता है। अमेरिका, ताइवान और कोरिया जैसे बाज़ारों का बेहतर प्रदर्शन उनकी प्रौद्योगिकी गहराई (technology depth) के कारण है। हालांकि, उनका अनुमान है कि भारत 2026 में वैश्विक बाज़ारों को पीछे छोड़ देगा, जिसे सरकारी प्रोत्साहन उपायों जैसे आयकर कटौती (income-tax cuts) और मौद्रिक सहजता (monetary easing) से बढ़ावा मिलेगा, जो खपत और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाएगा।
ऊंचा मूल्यांकन (elevated valuations) जैसी प्रमुख चिंताएं तब कम चिंताजनक हैं जब आय वृद्धि (earnings growth) तेज हो, जिसकी उम्मीद वित्तीय वर्ष 2025-26 की दूसरी छमाही से है। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) से 2026 में भारतीय इक्विटी में लौटने की उम्मीद है, जब वैश्विक AI-संचालित ट्रेड (AI-led trades) moderat होंगे, तब भारत की विकास क्षमता से आकर्षित होंगे।
अन्य उभरते बाज़ारों की तुलना में भारत का मूल्यांकन प्रीमियम (valuation premium) काफी कम हो गया है, जो एक अनुकूल प्रवेश बिंदु (entry point) प्रस्तुत करता है। ब्रोकरेज फर्मों के लिए, प्रवृत्ति डेरिवेटिव (derivatives) से नकद बाज़ार निवेश (cash market investing) की ओर बढ़ रही है, जिसमें सलाहकार सेवाओं पर जोर दिया गया है। AI से अपेक्षा की जाती है कि वह बाज़ार के कम तरल खंडों (less liquid segments) में मानव विशेषज्ञता को पूरी तरह से बदलने के बजाय निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाएगा।