Banking/Finance
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Updated on 12 Nov 2025, 05:09 am
Reviewed By
Satyam Jha | Whalesbook News Team

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भारत ने सितंबर 2025 में क्रेडिट कार्ड खर्च में एक ऐतिहासिक उछाल देखा, जो अभूतपूर्व ₹2.17 लाख करोड़ तक पहुंच गया। CareEdge Ratings के अनुसार, यह पिछले वर्ष की तुलना में 23% और पिछले महीने की तुलना में 13% की वृद्धि है। इस रिकॉर्ड खर्च की मुख्य वजह त्योहारी सीजन की मजबूत मांग, क्रेडिट कार्ड जारी करने में वृद्धि, कुछ उपभोक्ता वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कमी और बैंकों द्वारा आक्रामक प्रचार प्रस्ताव थे। हालांकि, CareEdge ने नोट किया कि पिछले साल की समान अवधि की तुलना में साल-दर-साल (YoY) वृद्धि की गति थोड़ी धीमी हो गई है।
निजी क्षेत्र के बैंक (PVBs) ने अपना दबदबा बनाए रखा, कुल क्रेडिट कार्ड खर्च का 74.2% हिस्सा उनके पास रहा। फिर भी, पिछले साल की तुलना में उनके बाजार हिस्सेदारी में 130 आधार अंकों (basis points) की मामूली गिरावट आई। इसके विपरीत, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (PSBs) ने पिछले साल के 18.4% से अपना हिस्सा बढ़ाकर 21.2% कर लिया, जो टियर-2 और टियर-3 शहरों में उनकी बढ़ी हुई पैठ और प्रतिस्पर्धी डिजिटल पेशकशों से प्रेरित है। हालांकि, PSBs के बीच खर्च कुछ बड़े ऋणदाताओं के बीच केंद्रित रहता है।
क्रेडिट कार्ड बेस में साल-दर-साल 7% की वृद्धि हुई, जो 11.3 करोड़ कार्ड तक पहुंच गया। यह वृद्धि पिछली बार देखी गई 14% वृद्धि की तुलना में धीमी है। इस धीमी गति का कारण बैंकों द्वारा असुरक्षित खुदरा ऋणों में बढ़ती देनदारियों (delinquencies) के बीच उच्च-गुणवत्ता वाले ग्राहकों के अधिग्रहण को प्राथमिकता देना है। वृद्धिशील वृद्धि मुख्य रूप से निजी बैंकों से आई है, जो सह-ब्रांडेड साझेदारी (co-branded partnerships) और डिजिटल अनुभवों का लाभ उठा रहे हैं।
प्रति कार्ड औसत खर्च 15% YoY बढ़कर ₹19,144 हो गया। विशेष रूप से, PSBs के प्रति कार्ड खर्च में 30% की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जो ₹16,927 तक पहुंच गया। इसमें उनके बेहतर डिजिटल प्लेटफॉर्म और रिवॉर्ड संरचनाओं (reward structures) का बड़ा योगदान रहा। उच्च-मूल्य वाले लेनदेन और ऑनलाइन खरीदारी, विशेष रूप से ई-कॉमर्स और यात्रा खंडों में, इस खर्च में वृद्धि के प्रमुख कारक रहे।
स्टैंडिंग क्रेडिट कार्ड बैलेंस (Outstanding credit card balances) में मामूली संकुचन देखा गया, जो अगस्त 2025 के ₹2.89 लाख करोड़ से घटकर सितंबर 2025 में ₹2.82 लाख करोड़ हो गया। YoY वृद्धि 3.7% तक धीमी हो गई। कुल खुदरा ऋणों में क्रेडिट कार्ड आउटस्टैंडिंग्स का हिस्सा घटकर 4.5% हो गया।
प्रभाव: यह खबर मजबूत उपभोक्ता भावना और खर्च करने की क्षमता का संकेत देती है, जो बैंकों के क्रेडिट कार्ड व्यवसायों और उपभोक्ता विवेकाधीन क्षेत्रों (consumer discretionary sectors) के लिए सकारात्मक है। हालांकि, विकास की गति में मामूली कमी और गुणवत्तापूर्ण ग्राहक अधिग्रहण पर ध्यान केंद्रित करना असुरक्षित ऋणों पर एक सतर्क दृष्टिकोण का सुझाव देता है। रेटिंग: 7/10।