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भारत का GIFT सिटी बना ग्लोबल बैंकिंग पावरहाउस, सिंगापुर और हांगकांग से खरबों डॉलर का बिज़नेस छीना!

Banking/Finance

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Updated on 14th November 2025, 9:06 AM

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Author

Abhay Singh | Whalesbook News Team

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Crux:

भारत का गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (GIFT सिटी) तेजी से वैश्विक बैंकों को आकर्षित कर रहा है, जो भारतीय कॉर्पोरेट्स को यूएस-डॉलर ऋण (loans) की सुविधा दे रहा है और सिंगापुर व हांगकांग जैसे स्थापित वित्तीय केंद्रों से महत्वपूर्ण बाजार हिस्सेदारी (market share) हासिल कर रहा है। मार्च में समाप्त वित्तीय वर्ष में, GIFT सिटी के बैंकों ने लगभग 20 अरब डॉलर के डॉलर ऋण वितरित किए, जो आकर्षक कर प्रोत्साहनों (tax incentives) के कारण एक बड़ी वृद्धि है, जिसमें 10 साल की कर छूट (tax holiday) और कोई विदहोल्डिंग टैक्स (withholding tax) नहीं शामिल है, जिससे अन्य हब की तुलना में वित्तपोषण (financing) सस्ता हो गया है। यह विकास भारत की आर्थिक रणनीति के लिए एक बड़ी जीत है।

भारत का GIFT सिटी बना ग्लोबल बैंकिंग पावरहाउस, सिंगापुर और हांगकांग से खरबों डॉलर का बिज़नेस छीना!

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Stocks Mentioned:

State Bank of India
Axis Bank Ltd.

Detailed Coverage:

भारत का गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (GIFT सिटी) एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय वित्तीय केंद्र के रूप में उभर रहा है, जो भारतीय कॉर्पोरेट्स के लिए यूएस-डॉलर-मूल्यवर्ग के ऋण (US-dollar denominated debt) की सुविधा के लिए वैश्विक बैंकों को आकर्षित कर रहा है और सिंगापुर, हांगकांग और दुबई जैसे स्थापित केंद्रों की बाजार हिस्सेदारी को काफी कम कर रहा है। मार्च में समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में, GIFT सिटी से संचालित होने वाले बैंकों ने भारतीय कंपनियों को लगभग 20 अरब डॉलर का ऋण वितरित किया, जो स्थानीय फर्मों के लिए विश्व स्तर पर जारी किए गए कुल ऋण का एक तिहाई से अधिक है। यह सिर्फ दो साल पहले की तुलना में एक महत्वपूर्ण वृद्धि दर्शाता है। मित्सुबिशी UFJ फाइनेंशियल ग्रुप (Mitsubishi UFJ Financial Group) और एचएसबीसी होल्डिंग्स (HSBC Holdings) जैसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय ऋणदाता GIFT सिटी से अपने परिचालन का विस्तार कर रहे हैं, जबकि भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) अपने GIFT सिटी शाखा पोर्टफोलियो में महत्वपूर्ण वार्षिक वृद्धि का लक्ष्य रखता है। यह उछाल मुख्य रूप से आकर्षक कर प्रोत्साहनों से प्रेरित है, जिसमें व्यापार आय पर एक दशक की कर छूट और ऋण पर विदहोल्डिंग टैक्स की अनुपस्थिति शामिल है, जिससे GIFT सिटी में बैंक अन्य प्रमुख हब की तुलना में 50 से 70 बेसिस पॉइंट (basis points) सस्ता वित्तपोषण प्रदान कर सकते हैं। यह वृद्धि भारत के लिए महत्वपूर्ण है, जो इसके मजबूत आर्थिक विस्तार और अगले दशक में $800 अरब से $1 ट्रिलियन तक की अनुमानित महत्वपूर्ण पूंजीगत व्यय (capital expenditure) योजनाओं का समर्थन करती है। डेरिवेटिव्स (derivatives) ट्रेडिंग में शुरुआती सफलताओं के बावजूद, जहां एनएसई इंटरनेशनल एक्सचेंज (NSE International Exchange) पर कारोबार 1 ट्रिलियन डॉलर से अधिक हो गया है, GIFT सिटी को प्रतिभा अधिग्रहण (talent acquisition) और व्यापक वैश्विक पैमाने (global scale) विकसित करने जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

Impact इस खबर का भारत के वित्तीय क्षेत्र, कॉर्पोरेट उधार परिदृश्य और वैश्विक वित्तीय केंद्र के रूप में इसकी स्थिति पर महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने, विदेशी निवेश आकर्षित होने और भारत में रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है, साथ ही यह मौजूदा वित्तीय केंद्रों के प्रभुत्व को भी चुनौती देता है। Rating: 8/10

Difficult Terms: US-dollar denominated debt: यूएस-डॉलर-मूल्यवर्ग का ऋण, Withholding tax: आय से स्रोत पर काटा जाने वाला कर, Basis points: 0.01% की इकाई, Capital expenditure (capex): भौतिक संपत्तियों पर किया गया व्यय, Shadow bank: कम विनियमित वित्तीय मध्यस्थ, Non-deliverable forward market (NDF): वास्तविक डिलीवरी के बिना मुद्रा का बचाव, Bullion exchange: बहुमूल्य धातुओं का बाजार, Derivatives: व्युत्पन्न वित्तीय साधनों, Corporate treasuries: कंपनी का वित्त विभाग।


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