Banking/Finance
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Updated on 13 Nov 2025, 07:36 am
Reviewed By
Abhay Singh | Whalesbook News Team
बार्कलेज़ बैंक पीएलसी भारत में अपने स्थानीय संचालन में ₹2,500 करोड़ का निवेश करके अपनी उपस्थिति को काफी मजबूत कर रहा है, जो विकास के प्रति एक मजबूत प्रतिबद्धता का संकेत है। बार्कलेज़ बैंक पीएलसी, इंडिया के सीईओ प्रमोद कुमार ने बताया कि जहां निवेश बैंकिंग एक मुख्य शक्ति बनी हुई है, वहीं कॉर्पोरेट बैंकिंग को विकास के एक स्तंभ के रूप में विकसित किया जा रहा है, जो नकद (cash), व्यापार (trade) और कार्यशील पूंजी ऋण (working capital loans) जैसी सेवाएं प्रदान करता है। बैंक चुनिंदा क्षेत्रों में निरंतर पूंजीगत व्यय (capex) योजनाओं को देख रहा है, विशेष रूप से कम कार्बन तीव्रता वाले क्षेत्रों जैसे नवीकरणीय ऊर्जा (उत्पादन और पैनल निर्माण दोनों), डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग और स्वास्थ्य सेवा वितरण में। सीमेंट, इस्पात और सड़क क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण क्षमता का निर्माण किया गया है। बार्कलेज़ ने भारतीय ग्राहकों को पर्याप्त वित्तपोषण जुटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, चालू वर्ष में अब तक लगभग $8.5 बिलियन के डॉलर ऋण, $33.6 बिलियन के बाहरी वाणिज्यिक उधार (ECBs) और ₹135 बिलियन के बॉन्ड की सुविधा प्रदान की है। आगे देखते हुए, बार्कलेज़ इंडिया से हालिया पूंजी वृद्धि के समर्थन से जीडीपी दरों से ऊपर बढ़ने की उम्मीद है। बैंक अल्ट्रा हाई नेट वर्थ (UHNW) और हाई नेट वर्थ (HNW) व्यक्तियों के लिए अपनी निजी बैंकिंग सेवाओं को भी बढ़ा रहा है, इस खंड में दोहरे अंकों की वृद्धि को पहचानते हुए, जिनके पास प्रबंधित करने के लिए अनुमानित $1.5 ट्रिलियन की वित्तीय संपत्ति है। बार्कलेज़ ने कैपेजेमिनी द्वारा WNS के अधिग्रहण और मणिपाल हॉस्पिटल्स द्वारा सह्याद्री हॉस्पिटल्स के अधिग्रहण सहित कई प्रमुख एम एंड ए (M&A) सौदों पर सलाह दी, जो उनकी सलाहकार क्षमताओं को प्रदर्शित करता है। प्रभाव: इस खबर का भारतीय शेयर बाजार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है क्योंकि यह वित्तीय क्षेत्र में मजबूत विदेशी निवेश का संकेत देता है, बुनियादी ढांचे (infrastructure) और नवीकरणीय ऊर्जा (renewables) जैसे प्रमुख उद्योगों में विकास का समर्थन करता है, और भारत की आर्थिक संभावनाओं और वित्तपोषण बाजारों में निवेशकों के विश्वास को प्रदर्शित करता है। एम एंड ए (M&A) और कॉर्पोरेट बैंकिंग में बढ़ी हुई गतिविधि व्यावसायिक विश्वास और लेनदेन की मात्रा को बढ़ावा देगी। रेटिंग: 7/10। कठिन शब्दों की व्याख्या: केपेक्स (कैपिटल एक्सपेंडिचर): कंपनी द्वारा संपत्ति, औद्योगिक भवनों या उपकरणों जैसी भौतिक संपत्तियों को प्राप्त करने या अपग्रेड करने के लिए खर्च किया गया धन। ईसीबी (एक्सटर्नल कमर्शियल बोरिंग्स): भारतीय संस्थाओं द्वारा विदेशी स्रोतों से उठाए गए ऋण, जो पूंजीगत माल के आयात और घरेलू पूंजी निवेश को वित्तपोषित करने में मदद करते हैं। एम एंड ए (विलय और अधिग्रहण): विभिन्न प्रकार के वित्तीय लेनदेन के माध्यम से कंपनियों या संपत्तियों का समेकन, जिसमें विलय, अधिग्रहण, समेकन, निविदा प्रस्ताव, संपत्ति की खरीद और प्रबंधन अधिग्रहण शामिल हैं। ईसीएम (इक्विटी कैपिटल मार्केट्स): निवेश बैंकिंग का वह प्रभाग जो ऋण और इक्विटी पेशकशों के उद्भव और प्रबंधन से संबंधित है। यूएचएनडब्ल्यू (अल्ट्रा हाई नेट वर्थ): व्यक्ति जिनके पास आमतौर पर $30 मिलियन से अधिक की तरल निवेश योग्य संपत्ति होती है। एचएनडब्ल्यू (हाई नेट वर्थ): व्यक्ति जिनके पास आमतौर पर $1 मिलियन से $30 मिलियन के बीच तरल निवेश योग्य संपत्ति होती है।