Banking/Finance
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Updated on 11 Nov 2025, 12:04 am
Reviewed By
Akshat Lakshkar | Whalesbook News Team
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सरकारी बैंकों, जिनमें भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक शामिल हैं, इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (IBA) के माध्यम से भारत के महत्वपूर्ण ₹1.2 लाख करोड़ के विलय और अधिग्रहण (M&A) फाइनेंसिंग बाज़ार में उतरने के लिए एक एकीकृत रणनीति विकसित करने हेतु सहयोग कर रहे हैं। ये ऋणदाता प्रस्तावित ढांचे में ढील के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पास लॉबिंग करने की योजना बना रहे हैं, जो बैंकों को 1 अप्रैल, 2026 से कॉरपोरेट्स को रणनीतिक निवेश के लिए अधिग्रहण वित्त (acquisition finance) प्रदान करने की अनुमति देगा।
RBI के मसौदा दिशानिर्देश, 'वाणिज्यिक बैंक—पूंजी बाज़ार एक्सपोज़र) निर्देश, 2025', वर्तमान में परामर्श के लिए खुले हैं। भारतीय स्टेट बैंक ने विशिष्ट चिंताएँ जताई हैं, जिनमें किसी भी एकल अधिग्रहण के प्रति एक्सपोज़र की प्रस्तावित सीमा बैंक की टियर 1 पूंजी (Tier 1 capital) के 10% से अधिक नहीं होनी चाहिए, और सूचीबद्ध संस्थाओं में हिस्सेदारी हासिल करने पर प्रतिबंध शामिल हैं। बैंक M&A बाज़ार में ऋण लेने की प्रवृत्तियों के आधार पर ₹1.2 लाख करोड़ के संभावित फंडिंग अवसर का अनुमान लगा रहे हैं।
प्रभाव: यह पहल कॉर्पोरेट अधिग्रहण के लिए ऋण वित्तपोषण का एक नया, महत्वपूर्ण स्रोत प्रदान करके भारत के M&A परिदृश्य को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा दे सकती है। यह बैंकों के लिए एक नया राजस्व स्रोत प्रदान करती है और सौदे की गतिविधि को बढ़ा सकती है, जिससे मूल्यांकन और बाज़ार समेकन पर संभावित प्रभाव पड़ सकता है। नियामक ढील पर RBI का अंतिम निर्णय महत्वपूर्ण होगा। रेटिंग: 7/10।
कठिन शब्दों की व्याख्या: विलय और अधिग्रहण (M&A): वह प्रक्रिया जिसमें कंपनियाँ संयुक्त होती हैं या एक कंपनी दूसरी कंपनी का अधिग्रहण कर लेती है। अधिग्रहण वित्त (Acquisition Finance): वित्तीय संस्थानों द्वारा किसी कंपनी को दूसरी कंपनी का अधिग्रहण करने में मदद करने के लिए प्रदान किए जाने वाले ऋण या वित्तपोषण। टियर 1 पूंजी (Tier 1 Capital): बैंक की वित्तीय शक्ति का मुख्य मापदंड, जो उसकी सबसे विश्वसनीय और हानि-अवशोषित करने वाली पूंजी का प्रतिनिधित्व करता है। इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (IBA): भारत में बैंकों का एक उद्योग संघ।